हरियाली तीज को लेकर महिलाओं में उत्साह
-महाशिवरात्रि के साथ हरियाली तीज की तैयारिया भी जोरों पर
-घेवर व बताशों की बढ़ी माग
फोटो: 23एनएआर-02
जागरण संवाददाता, नारनौल :
ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों व युवाओं के साथ महिलाओं के उमंग व उल्लास का पर्व मानी जाने वाली हरियाली तीज जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे बाजारों में भी पर्व को लेकर खासी रौनक देखने को मिल रही है। गावों में महाशिवरात्रि पर्व के साथ ही हरियाली तीज की तैयारिया भी जोरों पर हैं। गावों में अनेक स्थानों पर पेड़ों में झूले डालकर झूला झूलती महिलाओं व बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है।
हरियाली पर्व हरियाणवीं संस्कृति का प्रतीक माना जाता है तथा पर्व पर सिंदारा व झूला झूलने की परपरा आज भी गावों में बरकरार है।
बाजारों में बढ़ी रौनक
बाजारों में मिठाई की दुकानों पर हलवाइयों ने घेवर, बतासे व बिस्कुट बनाना तेज क र दिया है। तीज के त्योहार में करीब एक सप्ताह का समय शेष रह गया है। हरियाणा के प्रसिद्ध त्योहार तीज के अवसर पर बहनों को शगुन के रूप में देने वाले घेवर व बतासों को लेकर हलवाइयो व दुकानदारों के चेहरों पर रौनक दिखाई देने लगी है। तीज का त्यौहार जैसे- जैसे नजदीक आ रहा है घेवर व बतासों के दामों में बढ़ोतरी होने लगी है। दो दिन पूर्व 100 सौ रुपये प्रति किग्रा बिकने वाला घेवर 120 रुपये प्रति किग्रा के हिसाब से बिकने लग गया है। खोये वाला घेवर 180 रुपये से बढ़कर 200 रुपये प्रति किग्रा के हिसाब से बिकने लगा है।
घेवर व बतासे बनाने में व्यस्त हुए दुकानदार
बस स्टैंड पर स्थित एक मिष्ठान भंडार के मालिक का कहना है कि तीज के त्योहार पर घेवर व बतासों की बिक्री अधिक होने के कारण हलवाइयों पर घेवर व बतासे बनाने के लिए दिन रात लगे रहते है। दुकानदार ने बताया कि क्वालिटी के अनुसार ही दाम तय किए जाते है। हरियाली तीज को लेकर गावों में नवविवाहिताओं का जोश देखते ही बन रहा है तथा महिलाएं गीतों के साथ झूला झूलती नजर आ रही हैं।