सिक्योरिटी काटकर दिए जा रहे चेक
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : कंप्यूटर शिक्षकों ने फिर से कंपनी की मनमानी के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। कंपनी की ओर से इन्हे जो चेक दिए जा रहे है वह सिक्योरिटी मनी काटकर दिए जा रहे। कंप्यूटर शिक्षकों ने ऐसे चेक लेने से मना कर दिया है।
कंप्यूटर शिक्षकों का कहना है कि वे इस अवैध सिक्योरिटी मनी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे है। वे किसी भी कीमत पर कंपनी की इस मनमानी को चलने नहीं देंगे। शिक्षको का मानना है कि सिक्योरिटी राशि वसूलने के लिए कंपनी नए हथकंडे अपना रही है। जब इस बात का पता चला कि शिक्षा विभाग शिक्षकों के छह माह का वेतन जारी कर चुका है, और कंपनी ने अभी तक मात्र दो माह का ही वेतन दिया है, इससे कंपनी उलझन में पड़ गई है। विभाग के बड़े अधिकारियों का दबाव आने के बाद कंपनी अब इन शिक्षकों को वेतन दे रही है, लेकिन वह पहले अपनी सिक्योरिटी राशि वसूलना चाहती है। कंपनी प्रत्येक शिक्षक से 24 हजार रुपये सिक्योरिटी के रूप में वसूल करना चाहती है। इनमें से अधिकाश से असठ हजार रुपये ज्वाइनिंग के समय ही ले लिए गए थे। शेष राशि यानी 16 हजार रुपये वह उनके वेतन से काटना चाहती है।
कंप्यूटर शिक्षकों का मानना है कि ऐसा करके कंपनी शिक्षकों को बंधुआ मजदूर बनाना चाहती है।
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ऐसे हुआ मामले का खुलासा
प्रदेश में करीब छह हजार कंप्यूटर शिक्षकों से अवैध वसूली कर रही कंपनी के इस कृत्य का खुलासा आरटीआइ से हुआ था। इस खुलासे के बाद शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने विधान सभा में बयान जारी किया था कि कंप्यूटर शिक्षकों से अवैध तरीके से ली गई सिक्योरिटी वापस की जाएगी। शिक्षामंत्री के इस हस्तक्षेप के बावजूद कंपनी अभी तक सिक्योरिटी वसूल रही है।
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'पंचकूला में 21 अप्रैल को एक बैठक हुई है, जिसमें उत्कर्ष सोसायटी के महाप्रबंधक ने 24 को पुन: बैठक करने को कहा है। उसके बाद एक टीम इस मामले की जाच करेगी। जाच के बाद वह रिपोर्ट शिक्षा सदन को सौंपी जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके लिए हमारा संगठन संघर्ष जारी रखेगा।'
-बलराम दीवान, प्रधान, कंप्यूटर वेलफेयर एसोसिएशन।