बॉक्स..छोटे पड़ रहे शेड, बढ़ रही परेशानी
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : इन दिनों नई अनाज मंडी में फसलों की बंपर आवक हो रही है। पिछले साल की तुलना में भले इस बार आवक कम हो, लेकिन अप्रैल के दौरान गेहू और सरसों की आवक से मंडी परिसर के शेड छोटे पड़ जाते है। इस स्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को उठानी पड़ती है। उन्हे अनाज जहा तहा बिखेरना पड़ रहा है। इससे उनका काफी अनाज बर्बाद हो जाता है।
जगह जगह बिखरा पड़ा है अनाज
मंडी में शेड के नीचे अधिकाश व्यापारियों का अनाज पड़ा है। इसके अलावा सरकारी एजेंसियों का भी अनाज समय पर न उठने के कारण शेड के नीचे भरा है। ऐसे में प्रतिदिन अनाज लेकर आने वाले जमींदारों को जहा थोड़ी सी जगह मिले वहीं ढेरी लगानी पड़ती है। जमींदार राजकुमार, सुरेश, विकास आदि का कहना है कि बोली के इतजार में उन्हे रखवाली भी करनी पड़ती है। बोली में व्यापारी और खरीद एजेंसिया उनके अनाज में अनेक प्रकार की खामिया बताकर निर्धारित रेट से काफी कम मूल्य में बेचने को मजबूर है।
तीन शेड पड़ रहे छोटे
मंडी में तीन जगह बने शेड काफी छोटे पड़ रहे है। जो अनाज इन शेड में है वह व्यापारियों और एजेंसियों का है। किसानों का अनाज जब तक व्यापारियों और एजेंसियों के पास नहीं पहुचता तब तक वह रामभरोसे ही इधर-उधर रखने को मजबूर है। मंडी में वाहनों की पार्किग नहीं होने के कारण सुबह से शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है।
की जा रही है बेहतर व्यवस्था
सीजन के समय वाहनों का आवागमन और अनाज की आवक ज्यादा होने के कारण व्यस्तता ज्यादा रहती है। इस बार अनाज की अधिक आवक नहीं आई है। पिछले साल जहा अप्रैल के दौरान डेढ़ लाख क्विंटल सरसों की आवक हुई थी वहीं इस बार अभी तक 80 हजार क्विंटल की ही आवक हुई है। गेहू भी पिछले साल की तुलना में अब तक 80 हजार क्विंटल की आवक हुई है। इसलिए ज्यादा अव्यवस्था की स्थिति नहीं बनी है। इसके बावजूद सफाई कर्मचारियों और आवारा पशुओं पर रोकथाम के लिए 24 घटे कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। शेड के आसपास सीमेंटेड फर्श बने हैं जहा अनाज की ढेरी लगाई जा सकती है। बिजली व्यवस्था और पेयजल सुविधाओं को दुरूस्त कराया गया है।
-सत्यप्रकाश, सचिव
मार्केट कमेटी, रेवाड़ी।