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लीड..मंडी में भी नहीं बच पाई किसानों की फसल

By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 06:56 PM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 06:56 PM (IST)
लीड..मंडी में भी नहीं बच पाई  किसानों की फसल

फोटो फाइल संख्या 18 आरईडब्ल्यू. 15, 16 व 17 में है।

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-मूसलाधार बारिश में भींगा हजारों बोरी गेहूं

-मौसम की मार के आगे धरे रह गए सारे प्रबंध

-उठान प्रक्रिया की सुस्ती के कारण आई समस्या

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: एक तरफ बारिश में भीगी गेहू की बोरिया तो दूसरी तरफ फड़ों पर फैले गेहू में मुंह मारती गायें। एक तरफ मंडी की सड़कों पर फैला बारिश का पानी तो दूसरी ओर सफाई के अभाव में लगे गंदगी के ढेर। शुक्रवार सुबह हुई बारिश के बाद स्थानीय नई अनाज मंडी की ऐसी ही स्थिति थी। बरसात के कारण खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहू भीग गया। कुछ किसानों की सरसों में भी नुकसान हुआ है।

हालाकि खेतों में नुकसान की खबरे नगण्य है, लेकिन कुछ जमींदारों की फसल कटाई के बाद निकालने के इतजार में खेतों में पड़ी हुई है। यह सच है कि मंडी में इस बार तीनों विशाल शेड मरम्मत के बाद नये सिरे से तैयार किये गये थे, लेकिन आवक अधिक होने से मौसम की मार के आगे तमाम प्रबंध शुक्रवार को धरे रह गये। उन आढ़तियों के सामने रखी गेहू की बोरिया भी भीग गई, जिनके यहा खरीद के बाद सरकारी एजेंसियों ने गेहूं की बोरिया रखी हुई थीं। यह समस्या उठान की प्रक्रिया सुस्त होने के कारण आई है। विशेष बात यह है कि 17 अप्रैल को मंडी में उठान की गति बढ़ाने के लिए अवकाश रखा गया था। यदि 17 अप्रैल को अवकाश नहीं होता तो समस्या और बढ़ सकती थी।

अनाज मंडी में एक जगह तो इतना अधिक पानी भरा हुआ था कि पंपिंग सैट की मदद से निकलना पड़ा। मंडी में एक बड़ी समस्या आवारा पशुओं की भी है। गायें व साड़ जगह-जगह मुंह मारते नजर आ जायेंगे। इस सबकी मार किसानों को ही झेलनी पड़ती है।

एक अनुमान के अनुसार मंडी में करीब 2 हजार बोरी गेहू भीग गया है। हालाकि अधिकारी इसे सामान्य बात बताते हुए यह दावा कर रहे है कि इसमें नुकसान जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन देखरेख में व सुखाने में लापरवाही हुई तो फिर गोदामों में सड़े हुए गेहू की अतीत में आती रही तस्वीरे कुछ समय बाद यहा से भी सामने आयेगी।

रेवाड़ी मंडी में दो एजेंसियों का जिम्मा

रेवाड़ी अनाज मंडी में गेहू की सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीद का जिम्मा हरियाणा वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पास है। सप्ताह में तीन दिन हरियाणा वेयर हाउसिंग तथा तीन दिन खाद्य एवं आपूर्ति विभाग खरीद करता है। अब तक सरकारी समर्थन मूल्य पर 1400 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर दोनों एजेंसिया लगभग 1 लाख 30 हजार बैग गेहूं की खरीद कर चुकी है।

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इनसेट:

..कहीं गोदामों में न पहुच जाए नमी युक्त गेहू

रेवाड़ी: किसानों व व्यापारियों का भी मानना है कि मंडी में बारिश में भीगा गेहू यदि पूरी तरह सुखा लिया गया तो खराब नहीं होगा। गेहू पूरी तरह सुखा लिया गया तो एक रुपये का भी नुकसान नहीं होगा, लेकिन सबसे बड़ी आशका यह है कि कहीं यह नमी युक्त गेहू ही पूरे वजन के साथ गोदामों में न पहुच जाये। यदि शुद्ध वजन की जगह नमी की मदद से वजन पूरा करके गोदामों में सीलन युक्त गेहू पहुच गया तो आने वाले समय में सड़े हुए गेहू की बोरिया बाहर आयेगी।

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पूरी तरह सुखाकर होगा भंडारण: निगम

हरियाणा भंडारण निगम (वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन) के डीएम सतबीर सिंह ने जागरण को बताया कि बारिश से गेहू के खराब होने की आशका निर्मूल है। हम गेहू को पूरी तरह सुखाकर भंडारण करेगे। धूप खिलते ही बोरियों को बिना खोले ही गेहू सूख जायेगा। वजन व नमी जैसी सभी आशकाएं निर्मूल है। पूरा सिस्टम पारदर्शी है। मौसम बिगड़ने से कुछ समस्याएं तो आई है, परतु हम दाना-दाना खरीदने के लिए पूरी तरह तैयार है।


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