लीड..प्राथमिक स्कूलों को ऑन लाइन करने की तैयारी
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : वरिष्ठ माध्यमिक व हाई स्कूलों की तर्ज पर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों को भी आनलाइन करने की तैयारी शुरू हो गई है। हालाकि अभी इस बारे में बजट की व्यवस्था नहीं की गई है। इसकी कार्ययोजना किस तरह लागू की जाए, इस पर अधिकारियों में विचार-विमर्श शुरू हो गया है।
फिलहाल जिला स्तर पर वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों के अलावा कुछ हाई स्कूलों में यह सुविधा उपलब्ध है, परंतु प्राइमरी स्कूलों को आनलाइन करने में आने वाली व्यवहारिक दिक्कतों पर भी विचार चल रहा है। पाठशालाओं के स्तर पर अभी ढाचागत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। अनियमित बिजली आपूर्ति के अभाव में कहीं प्रस्तावित योजना का हश्र भी डीटीएच व एजुसेट जैसा न हो जाए, यही डर अधिकारियों को सता रहा है। प्रदेश भर के सभी सरकारी स्कूलों को इटरनेट से जोड़ने की तैयारी लंबे समय से की जा रही है। अंतिम चरण में प्राइमरी स्कूलों पर ध्यान कंेंद्रित किया जा रहा है। मकसद स्कूल के मुखियाओं को छोटे-छोटे काम के लिए जिला मुख्यालय के चक्कर काटने की परेशानी से मुक्ति दिलाना है। यह भी उद्देश्य है कि चंडीगढ़ के स्तर पर जारी होने वाले आदेश प्राइमरी स्कूलों तक पहुंचने में देरी न हो। कागजों का बोझ कम हो।
खराब पड़े है डीटीएच व एजुसेट
जिन स्कूलों में डीटीएच और एजुसेट लगाए गए हैं, उनमें से अधिकाश अभी काम नहीं कर रहे है। कहीं बैटरियां खराब हैं, तो कहीं तकनीकी दिक्कतों ने इस योजना को फ्लाप कर दिया है।
जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान चंद्रहास का कहना है कि पहले विभाग को पुराने सिस्टम को दुरुस्त कराने के लिए पहल करनी चाहिए। स्टाफ की कमी पूरी करनी चाहिए। फिर जाकर आनलाइन करने जैसे कदम उठाने चाहिए।
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पैनलेस व्यवस्था बनाना है उद्देश्य
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार सभी स्कूलों को इटरनेट सुविधा से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य पैनलेस व्यवस्था बनाना है। इसके तहत स्कूल के मुखियाओं को छोटे-मोटे काम के लिए जिला मुख्यालय से लेकर चंडीगढ़ तक बार-बार चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे।
इस समय क्या है व्यवस्था
जिले के कुल 84 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में इटरनेट की व्यवस्था हो चुकी है। इसके अलावा कुछ हाई स्कूलों में भी इटरनेट की सुविधा है।
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यह चरणबद्ध कार्यक्रम है, जिस प्रकार वरिष्ठ माध्यमिक और कुछ हाई स्कूलों में आनलाइन सुविधा शुरू की गई है, उसी तरह अगले चरण में प्राइमरी स्कूलों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। अभी इस बारे में बजट उपलब्ध नहीं हुआ है, क्योंकि योजना प्रारभिक दौर में है।
रामकुमार फलसवाल
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी
रेवाड़ी।