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लीड..जमीन पर सड़क निर्माण और ताक पर नियम

By Edited By: Published: Thu, 17 Apr 2014 05:51 PM (IST)Updated: Thu, 17 Apr 2014 05:51 PM (IST)
लीड..जमीन पर सड़क निर्माण और ताक पर नियम

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: जहा जरूरत है वहा सड़क पर धूल उड़ रही है, जबकि जहा जरूरत नहीं है, वहा नियमों को ताक पर रखकर जेब भरने के लिए सड़क निर्माण किया जा रहा है। यहा की नगर परिषद के अधिकार क्षेत्र में सड़क निर्माण के मामले में नियम-कानून सब ताक पर है।

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सड़कों के निर्माण की एक निश्चित उम्र है। यदि पाच वर्ष से पहले कोई सड़क टूटती है, तो उस पर सवाल उठता है। ऐसी सड़क को गुणवत्ता के मामले में कमजोर माना जाता है, लेकिन यहा तो एक नहीं, कई सड़कें उम्र से पहले ही दम तोड़ने लगी हैं। बुधवार को ही यहा जीवली बाजार की एक सड़क के निर्माण में खुलकर भ्रष्टाचार की बात सामने आई है। जागरूक नागरिकों के विरोध के बाद सहायक आयुक्त (यूटी) अमना तस्नीम ने मौके पर पहुचकर बनाई गई सड़क का निरीक्षण किया। उपायुक्त के आदेश से वरिष्ठ अधिकारी यहा तो जाच के लिए पहुच गए, लेकिन शहर की अधिकाश सड़कों की हालत ऐसी ही है। नगर परिषद की प्रधान व अधिकारियों का कहना है कि संबंधित ठेकेदार से जीवली बाजार की सड़क दोबारा बनवाई जाएगी, लेकिन इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है कि किस कनिष्ठ अभियंता की देखरेख में इस सड़क का निर्माण हुआ था तथा बिना टेडर कैसे सीधे विभागीय आदेशों से इस सड़क का निर्माण हो गया। सूत्रों का कहना है कि शहर में दर्जनों ऐसे काम हो रहे है, जिनके लिए टेडर की जरूरत ही नहीं समझी गई, बल्कि नियमों को ताक पर रखकर सीधे विभागीय स्तर पर काम करवाए गए है।

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दोबारा बनानी होगी सड़क

'मेरा स्पष्ट मानना है कि जीवली बाजार में बनाई गई सड़क गुणवत्ता की कसौटी पर खरी नहीं है। इसी कारण नागरिकों के विरोध के बाद हमने ठेकेदार से लिखित में यह आश्वासन लिया है कि वह अपने खर्च पर तय की गई लागत पर ही इस सड़क को दोबारा बनाकर देगा। अन्य सड़कों के बारे में गुणवत्ता की कमी की बात मेरे संज्ञान में नहीं आई है।'

-शकुंतला भाडोरिया, प्रधान

नगर परिषद, रेवाड़ी।

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'सूचना मिलने पर हमने जीवली बाजार की सड़क की जाच करवाई है। इस मामले में हम जरूरी कदम उठा रहे है। मेरा यह मानना है कि निर्माण कार्यो की एक निर्धारित उम्र तय होती है। यदि तय समय से पहले निर्माण में खामिया पाई जाती हैं, तो यह संबंधित ठेकेदार की जिम्मेदारी होती है।'

-अमना तस्नीम, आईएएस

सहायक आयुक्त (यूटी),रेवाड़ी।


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