जीवन में यम और नियम अपनाना जरूरी : सौरभ
जागरण संवाददाता, पानीपत : जैन मुनि सौरभ सागर ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में यम नियम
जागरण संवाददाता, पानीपत :
जैन मुनि सौरभ सागर ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में यम नियम को अवश्य अपनाना चाहिए। व्यक्ति के जीवन में यम एवं नियम नहीं है तो उसका जीवन पशु के समान है। इन्हें धारण करने पर ही मोक्ष रुपी लक्ष्मी को प्राप्त किया जा सकता है। सौरभ मुनि दिगंबर जैन मंदिर माडल टाउन में प्रवचन कर रहे थे।
मुनि के सानिध्य में चौबीसी महामंडल विधान संपन्न किया गया। यह अनुष्ठान पानीपत में पहली बार किया गया। समस्त मांगलिक क्रियाएं हस्तिनापुर से पधारे पंडित संदीप जैन, सजल शास्त्री ने संपन्न कराई। भोपाल से आई सचिन एंड पार्टी ने इस दौरान मधुर संगीत की प्रस्तुति दी।
सुबह गुरु आज्ञा अभिषेक शांतिधारा के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। शांति धारण करने का अवसर शहर के प्रतिष्ठित उद्योगपति मानक जैन संदीप जैन परिवार को प्राप्त हुआ। अनुष्ठान में सौधर्म इंद्र टोनी जैन परिवार बना। जैन परिवारों ने इंद्र इंद्राणी बनकर जिनेंद्र भगवान की अराधना की।
सौरभ मुनि ने बताया चौबीस महामंडल विधान में 24 तीर्थकर की अराधना की गई है। मूल रूप में इस स्त्रोत के रचियता आचार्य समंतभद्र स्वामी है। 1500 वर्ष पूर्व इस स्त्रोत की रचना की गई थी। उन्हें भस्मक व्याधि रोग ने घेर लिया था। वे बनारस नगरी में एक मंदिर में अपनी क्षुधा को तृप्त करने लगे। एक दिन राजा को संदेह हुआ और उन्होने समंतभद्र स्वामी से कहा कि तुम्हें इस पत्थर को नमस्कार करना होगा, लेकिन समंतभद्र स्वामी ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया। राजा के अनेक बार कहने पर समंतभद्र ने 24 तीर्थकर भगवान की अराधना शुरू की। जैसे ही चंदा प्रभु भगवान की अराधना कर रहे थे, उनके चरणों में नमस्कार कर रहे थे तब पत्थर फटा और वहां चंदा प्रभु भगवान की प्रतिमा प्रकट हुई। यह स्त्रोत बहुत चमत्कारिक स्त्रोत है।
जैन समाज के प्रवक्ता मेहुल जैन ने बताया कि 27 मार्च को मुनि के सानिध्य में अग्रवाल मंडी जैन मंदिर में चौसठ ऋद्धि विधान का आयोजन होगा। मुनि 26-27 को अग्रवाल मंडी में विराजमान रहेंगे। कार्यक्रम में राकेश जैन, सुरेंद्र जैन, रामभज जैन, अनिल जैन, संजीव जैन, राजेश जैन, दिनेश जैन, दीपक जैन मौजूद रहे।