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व्यास पूजा उत्सव मनाया, भजनों पर झूमे

जागरण संवाददाता, पानीपत : श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति के तत्वावधान में व्यास पूजा उत्सव गीता मनीषी स्वा

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Jul 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 09 Jul 2017 03:00 AM (IST)
व्यास पूजा उत्सव मनाया, भजनों पर झूमे
व्यास पूजा उत्सव मनाया, भजनों पर झूमे

जागरण संवाददाता, पानीपत : श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति के तत्वावधान में व्यास पूजा उत्सव गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के सानिध्य में न्यू हाउसिंग बोर्ड कालोनी स्थित जावा पैलेस में शनिवार को हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया गया। गुरु के दर्शनों तथा आशीर्वचन सुनने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। गुरु पूजा के बाद सत्संग हुआ। दिन भर भंडारा लगाया गया।

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सुबह पांच बजे से ही लगा भक्तों का तांता : जावा पैलेस में पूजा उत्सव स्थल पर सुबह पांच बजे से ही भक्तों का आना शुरू हो गया। विभिन्न शहरों से श्रद्धालु व्यास पूजा उत्सव में पहुंचे। भक्तों ने गुरु की पूजा की। गुरु के चरणों में चंदन का तिलक लगाया। पूरा पांडाल कृष्णमय बन गया।

हमारा गौरव है ऋषि परंपरा : ज्ञानानंद

स्वामी ज्ञानानंद ने अपने प्रवचन गुरु महिमा के साथ शुरू किए। गुरु वंदना करते हुए गुरु भक्ति व प्रभु चरणों की भक्ति मांगी। व्यास पूजा की व्याख्या करते हुए उन्होंने बताया कि भारतीय सनातन संस्कृति परम्पराओं की सांस्कृति है। अवतार परंपरा विश्व में सिर्फ भारत में ही है। कहीं और इसका नाम नहीं मिलता। तीर्थ परंपरा भी अपने देश का गौरव है। ऋषि परंपरा हमारा गौरव है। हम भारतवासी ऋषियों की संतान हैं। गीता में इसका विवरण है। भगवान कहते हैं कि सात ऋषि मेरे संकल्प से पैदा हुए हैं, जिनसे यह सारी सृष्टि चल रही है। नौवें अध्याय में भी भगवान ने कहा कि जो योग पुरातन समय से चल रहा था, वो लुप्त हो गया। भारत का गौरव फिर से बढे़गा। फिर से भारत विश्व गुरु बनेगा।

स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि अपने त्योहार को भी घर में मनाएं। परिवार में उनके महत्व की चर्चा जरूर करें। बच्चों को भी उनके तत्व का ज्ञान होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जीव एक यात्रा है। शरीर को जो हम जी रहे हैं, वह एक यात्रा है। जीव की आत्मा की जीव की मुक्ति उस शक्ति में मिलकर पूरी होती है, जहां से वो आई थी। यह यात्रा अनादि काल से चली आ रही है।

प्रवचनों में भक्तों को मिली ये सीख

-बच्चों को त्योहार के महत्व के बारे में बताएं

-ऋषि परम्परा, तीर्थ परम्परा हमारी धरोहर

-संत से जुड़े, संत से जोड़ने वाले भी महान

-जीव को कल्याण के लिए गोसेवा और गीता पाठ को अपनाना चाहिए।

-गुरु पूजा शरीर की पूजा नहीं, वरन परम्परा और व्यास गद्दी की पूजा है।

-गुरु आज्ञा का पालन सच्ची गुरु दक्षिणा है।

व्यास पूजा में विधायक भी झूमीं

व्यास पूजा में भजन संकीर्तन के दौरान महिलाओं के साथ शहर की विधायक रोहिता रेवड़ी भी झूमती रही। वहां पुरुष वर्ग में शामिल ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा भी भजनों पर झूमते रहे।

छोटे-छोटे बच्चे सेवा में रहे

छोटे-छोटे बच्चों ने भी इस अवसर पर सेवा कर पुण्य बटोरा। व्यास पूजा उत्सव में शामिल भक्तों की सेवा में लगे रहे। उमस भरी गर्मी के चलते शिकंजी, जलजीरा की विशेष व्यवस्था की गई थी।

मुख्य रूप से ये शामिल रहे : व्यास पूजा में सुरेंद्र रेवड़ी, सुरेंद्र अरोड़ा, सूरज दुरेजा, श्री कृष्ण शर्मा, सुरेंद्र कपूर, सुनील ग्रोवर, सुखदेव सिंह, राम सिंह, रमेश माटा, सूरज पहलवान, महेंद्र शर्मा व अन्य भक्त मौजूद रहे।


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