बिजली निगम में फेल आइआइटीयन, दुखी हो दिया इस्तीफा
बलराज सैनी, पानीपत : बिजली निगम में दो महीने पहले एसडीओ नियुक्त आइआइटीयन नवदीप सैनी ने यो
बलराज सैनी, पानीपत :
बिजली निगम में दो महीने पहले एसडीओ नियुक्त आइआइटीयन नवदीप सैनी ने योग्यता अनुसार काम नहीं मिलने और जबरन तनाव बढ़ाने का आरोप लगाते हुए अपना इस्तीफा दे दिया है। पांच कारण गिनाते हुए सैनी ने इस्तीफे में साफ लिखा है कि अनावश्यक बोझ की वजह से उसकी निजी जिंदगी तक प्रभावित हो रही है। एसडीओ के इस कदम से बिजली निगम की व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
दिल्ली आइआइटी से रिन्यूएबल एनर्जी में मास्टर डिग्री और एनआइटी कुरुक्षेत्र से बीटेक कर चुके अंबाला कैंट के नवदीप ने नवंबर माह के आखिरी सप्ताह में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम में एसडीओ पद पर ज्वॉइन किया था। इलेक्ट्रिक पावर सिस्टम के काम की बजाय उन्हें बिजली चोरी के केस पकड़ने का काम सौंप दिया गया। साथ ही, टारगेट पूरा करने के लिए दबाव बना दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात का सामना नहीं कर पाने और लगातार बढ़ते बोझ का असर ये हुआ कि नवदीप ने व्यवस्था पर बड़े सवाल उठाते हुए अपना इस्तीफा ही सौंप दिया।
हमले का भी शिकार हुआ :
चोरी के केस पकड़ने के काम में कई बार लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। मुखीजा कालोनी में तो लोगों ने उन पर हमला भी कर दिया था।
काम, जो दिया जाना चाहिए था : टेक्निकल काम जैसे ट्रिपिंग रोकने, फॉल्ट दूर करने, रिले की खराबी, बिजली सुचारू रखने की जिम्मेदारी सौंपी जानी थी। इसकी बजाय फील्ड में लगा दिया। एरिया में बिजली सप्लाई की जिम्मेदारी एसडीओ के जिम्मे होती है।
वर्जन-
टेक्निकल काम करने के लिए बिजली निगम में नौकरी ज्वाइन की थी। ट्रिपिंग या ट्रांसफार्मरों के फॉल्ट ढूंढने की बजाय फील्ड का काम कराया जा रहा है।
नवदीप, एसडीओ
दो का काम कर रहा एक कर्मचारी : बिजली निगम में दो कर्मचारियों का काम एक कर्मचारी कर रहा है। पानीपत सर्कल में अधिकारियों और कर्मचारियों के 1349 पद स्वीकृत है, जबकि 700 पद खाली पड़े हैं। सहायक लाइनमैन के 538 पद हैं, जिनमें से 343 पद रिक्त हैं। लाइनमैन के 21 पद खाली हैं। इसके अलावा अन्य पद भी रिक्त पड़े हैं।
पांच कारण
1. गांवों में बिजली चोरी पकड़ने का हर रोज दबाव बनाया जाता। इस दौरान कई बार ऐसी स्थितियां भी बनती, जिन्हें वह संभाल नहीं पाते
2. अनावश्यक फोन कॉल्स आने लगे। यहां तक की धमकियां भी मिलने लगीं
3. जेई और अन्य स्टाफ काम कर रहा है, पर लक्ष्य बेहद ज्यादा है। यहां तक की जेई उनसे कहते कि सर, आप भी हमारे साथ चलो चोरी पकड़ने। इसके बाद उच्चाधिकारी भी आकाश को छूने जैसा लक्ष्य पूरा करने का दबाव डालते
4. इंजीनियर के रूप में नाममात्र काम देते। सबसे बड़ी समस्या तो ये कि तत्काल लक्ष्य पूरा करने के लिए कहा जाता। इस स्थिति में वह काफी दबाव में महसूस करते हैं।
5. कोई छुट्टी नहीं मिलती, 24 घंटे काम कराया जाता है, इस स्थिति में काम नहीं हो सकता