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यज्ञ से विश्व में शांति : प्राज्ञदेव

जागरण संवाददाता, पानीपत : यज्ञ का अर्थ देवपूजा है। विश्व में शांति यज्ञ से ही संभव है। रतिराम वा

By Edited By: Published: Fri, 18 Nov 2016 09:32 PM (IST)Updated: Fri, 18 Nov 2016 09:32 PM (IST)
यज्ञ से विश्व में शांति : प्राज्ञदेव

जागरण संवाददाता, पानीपत : यज्ञ का अर्थ देवपूजा है। विश्व में शांति यज्ञ से ही संभव है। रतिराम वाटिका में शुक्रवार को आर्य समाज बड़ा बाजार के 131 वें वार्षिकोत्सव में यह बात प्राज्ञदेव ने कही। उन्होंने कहा कि यज्ञ में दान किया जाता है। यज्ञ में बड़ों व विद्वानों का आदर सत्कार किया जाता है। सभी लोग मिल कर रहते हैं। परोपकार की भावना से सहयोग करते हैं। वह यज्ञ कहलाता है। प्यासे को जल देना यज्ञ है। निर्वस्त्र व कमजोर को संरक्षण देना, जो पढ़ नहीं पाते उन्हें विद्या प्राप्त करने की व्यवस्था करना, गरीब परिवार की बेटियों का विवाह कराना तथा पर्यावरण को शुद्ध रखने का कार्य यज्ञ है। यज्ञीय भावना से ही विश्व में शांति हो सकती है। इस वाटिका में सुबह व शाम की बेला में शनिवार को भी हवन यज्ञ होगा। वैदिक विद्वान प्रवचन करेंगे। इस अवसर पर प्रधान अजय गर्ग, संजय गुप्ता, सुशील सिंगला, पीयूष आर्य, सुनीता, बाला मित्तल, निशा व लक्ष्मी चंद्र सर्राफ मौजूद थे।

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