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घर में डिलीवरी कराने वालीं दाई पर दर्ज होगा केस

जागरण संवाददाता, पानीपत जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर कम करना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती है। संस्था

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 03:00 AM (IST)
घर में डिलीवरी कराने वालीं दाई पर दर्ज होगा केस

जागरण संवाददाता, पानीपत

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जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर कम करना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती है। संस्थागत प्रसव में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल नहीं करने से जच्चा की मौत हो रही है। जनवरी से जून माह में 825 महिलाओं ने दाई की मदद से बच्चा जन्मा है। सीएमओ ने पीएचसी के प्रभारियों को निर्देश दिए है कि वह क्षेत्र की दाई को चिन्हित कर, उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराएं।

दरअसल, जनवरी से जून माह तक 9 हजार 907 महिलाओं का संस्थागत प्रसव तथा 825 महिलाओं ने घरों में शिशु को जन्म दिया है। घरेलू प्रसव के दौरान होती रही महिलाओं की मौत ने विभाग को हिला कर रख दिया है। छह माह के आंकडे़ देखें तो पीएचसी ऊझा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 109 घरेलू प्रसव हुए हैं। काबड़ी में 80, पट्टी कल्याणा में 51, समालखा में 16, उग्राखेड़ी में 19, सिवाह में 17, मांडी में 14, मतलौडा में 8, नौल्था में 13, बापौली क्षेत्र में 6 की घर में डिलीवरी हुई हैं। शहरी क्षेत्र में बत्रा कॉलोनी में 31, खटीक बस्ती में 51, राजीव कॉलोनी में 45 और राजनगर में 26 महिलाओं ने दाई की मदद से घरों में बच्चों को जन्म दिया है।

सीएमओ के निर्देश पर पीएचसी प्रभारियों ने गांव की दाई को चिन्हित करने के लिए एएनएम, आशा वर्कर समेत ग्राम पंचायत की मदद लेनी शुरू कर दी है।

लगेंगे जागरूकता कैंप : सीएमओ डॉ. संतलाल वर्मा ने बताया कि पट्टी कल्याणा, बत्रा कॉलोनी, खटीक बस्ती, राजनगर, राजीव कॉलोनी, पत्थर गढ़ी बेसिक, बराना आदि क्षेत्रों में जागरुकता कैंप लगाए जाएंगे। गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर जांच समेत संस्थागत प्रसव के लाभ बताए जाएंगे।


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