लॉ के विद्यार्थियों को गिनाए मूट कोर्ट के फायदे
फोटो संख्या-60 -गीता इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में दो दिवसीय मूट प्रतियोगिता का शुभारंभ जागरण सं
फोटो संख्या-60
-गीता इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में दो दिवसीय मूट प्रतियोगिता का शुभारंभ
जागरण संवाददाता, समालखा
करहंस स्थित गीता इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में दो दिवसीय नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया। विभिन्न प्रदेशों के विश्वविद्यालय और कॉलेज से आई 35 टीमों के 120 विद्यार्थियों ने मूट कोर्ट कंपीटिशन में भाग लिया। मुख्यातिथि इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट दिल्ली के निदेशक डॉ. मनोज सिन्हा, पानीपत के सीजेएम मोहित अग्रवाल व पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट सौरव खुराना ने मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
गीता ग्रुप संस्थान की महासचिव गीता बंसल, संस्थान के वाइस चेयरमैन निशान्त बंसल एवं प्रिंसिपल डॉ. रश्मि नागपाल ने पुष्प गुच्छों से मेहमान का स्वागत किया। मेहमानों द्वारा संस्थान परिसर में पौधरोपण भी किया गया।
मुख्यातिथि डॉ. सिन्हा ने कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता में भाग लेने से विद्यार्थियों का आत्मविश्वास मजबूत होता है। उन्हें न्यायालय के कामकाज को समझने में सुविधा होती है। उन्होंने कहा कि आज के विद्यार्थी ही कल बड़े वकील और जज बनेंगे। उन्हें जिला से लेकर सर्वोच्च अदालत में काम करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि वकीलों को कभी नॉलेज का घमंड नहीं होना चाहिए। उन्हें हमेशा सदाचार से अपने क्लाइंट का पक्ष मजबूती के साथ बेझिझक होकर अदालत में रखना चाहिए। न्यायाधीश का फैसला वकील के तर्क, सबूत और व्यवहार पर ही निर्भर करता है। सीजेएम मोहित अग्रवाल ने मूट कोर्ट के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने दोहा के माध्यम से भी विद्यार्थियों को प्रेरित करने का प्रयास किया। उन्होंने ज्यूडिशियल रिव्यू,जनहित याचिका आदि के बारे में भी जानकारी दी। साथ ही गरीबों और जरूरतमंदों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए उन्हें कानून के प्रति प्रेरित करने को कहा। चंडीगढ़ हाईकोर्ट के अधिवक्ता सौरव खुराना ने भी विद्यार्थियों को सफलता के गुर सिखाए। उन्होंने कहा कि मेहनत का विकल्प नहीं है। कानूनविद की उम्र नहीं देखी जाती है। कोर्ट में उनका ज्ञान और तर्क देखा जाता है। उन्होंने कहा कि कम उम्र के अधिवक्ता भी अच्छे हो सकते हैं। निशान्त बंसल ने कहा कि लीगल एजुकेशन के माध्यम से देश की कार्यप्रणाली में सुधार लाया जा सकता है। इस अवसर पर एडवोकेट प्रकाश गाहल्याण, मोनिका कक्कड़, अनिल एलाबादी, रमेश गुप्ता, पिंकी शर्मा, पूजा अरोड़ा, पद्मा रानी, अंजू सिंह, बीपी शर्मा, सुखबीर शर्मा आदि मौजूद थे।