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नेता, अफसरों की शह से शहर में मांस का कारोबार

जागरण संवाददाता, पानीपत : प्रशासन की नाक के नीचे सावन के महीने में मोटे मांस का कारोबार

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jul 2017 02:28 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jul 2017 02:28 AM (IST)
नेता, अफसरों की शह से शहर में मांस का कारोबार
नेता, अफसरों की शह से शहर में मांस का कारोबार

जागरण संवाददाता, पानीपत :

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प्रशासन की नाक के नीचे सावन के महीने में मोटे मांस का कारोबार चलता रहा। गोरक्षक दल के सदस्य और आर्य समाजी आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासनिक अधिकारियों, राजनेताओं की नीयत में खोट की वजह से ही शहर में मोटे मांस का अवैध कारोबार चल है। पप्पू जैसे कई कारोबारी दिल्ली व कैराना से मांस लाकर मालामाल हो रहे हैं। आयकर विभाग की नजर भी उन पर नहीं पड़ रही।

चुनाव को अब दो साल रह गए हैं। प्रतिद्वंदी को मात देने के लिए सत्ता व संगठन से जुड़े लोगों ने मुस्लिम वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए मांस कारोबारी को अल्प संख्यक मोर्चे का जिला उपाध्यक्ष जैसा पद दे दिया। किरकिरी होने पर अब पार्टी के पदाधिकारी उससे स्वयं को किनारा कर रहे हैं।

पप्पू की मीट की छह दुकानें

संजय चौक इमाम साहब : दो दुकानें

गोसअली मुहल्ला : दो दुकानें

बेरी वाली मस्जिद : एक दुकान

हाली कालोनी : एक दुकान

पप्पू के तीन भाई, बेटे महरोज व उनके भतीजे इस करोबार में जुड़े हैं। मांस के व्यवसाय में कैराना का एक पार्टनर भी है। इन छह दुकानों पर पप्पू का मुख्य रूप से नियंत्रण है। मांस देने से लेकर पैसों का हिसाब-किताब सब पप्पू संभालता है।

180 से 200 रुपये किलो बेचते मांस : दिल्ली से भैस का जो मांस मंगाते हैं, उन्हें 130 रुपये प्रति किलो मिलता है। पानीपत में 200 रुपये किलो बेचते हैं।

मैच फिक्सिंग और सट्टा लगता है पप्पू : विधायक की गाड़ी रोकने का आरोपी मतलूब का कहना है कि पप्पू जब पकड़ा जाता है तो बचाव के लिए विधायक के पास जाता है। मांस कारोबार में पप्पू का खास पार्टनर सुरेंद्र रेवड़ी है, जिसे वह 2.50 लाख रुपये महीना देता है। रेवड़ी के इशारे पर ही बिना लाइसेंस के मोटे मांस का अवैध कारोबार नगर निगम क्षेत्र में फल फूल रहा है। पप्पू के खिलाफ जो भी शिकायतें दी गई, उसे दबाने वाला रेवड़ी ही है। पप्पू मैच फिक्सिंग कर सट्टे भी लगाता है। डीसी व एसपी, दोनों की कॉल डिटेल निकलवा कर जांच करवाएं तो सच्चाई सामने आ जाएगी।

संरक्षण देना शर्म की बात

हरियाणा राज्य गोरक्षा दल के प्रदेश उपाध्यक्ष आजाद सिंह आर्य का कहना है कि अवैध तरीके से मांस का कारोबार करना गलत है। प्रशासन सहित जो लोग उन्हें संरक्षण दे रहे हैं, उनके लिए शर्म की बात है। आरटीआइ में खुलासा हुआ था कि पानीपत में एक ही व्यक्ति को लाइसेंस मिला है। प्रशासन की मिलीभगत से गोमांस बेचा रहा है।

आयकर विभाग कराए संपत्ति की जांच : नफे सिंह

शिवसेना के प्रदेश उप प्रमुख नफे सिंह मलिक ने बयान देकर कहा कि पानीपत में धड़ल्ले से हो रहे मोटे मांस के कारोबारी पप्पू व उसे संरक्षण देने वाले विधायक को आयकर विभाग नोटिस जारी करे। प्रतिदिन लगभग 8-10 क्विंटल मांस की खपत होती है। दिल्ली व कैराना से सस्ते में मांस लाकर यहां दोगुने रेट पर बेचता है। प्रतिमाह पप्पू को लाखों की आमदनी हो रही है। इस आमदनी में से हिस्सा सुरेंद्र रेवड़ी को देता है। बोलेरो में गाड़ी में पकड़ी गई मांस की कीमत पप्पू ने 1.5 लाख रुपये बताई। मांस तस्करी के धंधे पर आयकर विभाग के अधिकारियों की कुंभकर्णी निंद्रा क्यों नहीं खुल रही है। राज्य कार्यकारी प्रभारी हरकेश शर्मा का कहना मांस कारोबार में मंथली लेन-देन, दोनों एक तरह का अपराध है। एसपी डीसी इसकी जांच करें।

वर्जन :

गोमांस बेचने पर प्रतिबंध है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सौ फीसद पालन होना चाहिए। पानीपत में राजनीतिक षड्यंत्र के तहत ये सब चल रहा है।

मुकेश टुटेजा, पूर्व चेयरमैन

नगर सुधार मंडल

वर्जन :

मांस कारोबार की अनुमति है। जो पकड़ा गया है, वो अगर गाय का मांस नहीं है तो हो हल्ला मचाने का कोई फायदा नहीं है। गाय का मांस है तो कार्रवाई होनी चाहिए। गैर कानूनी कार्य के साथ हम नहीं हैं।

बलबीर पाल शाह, पूर्व विधायक

पानीपत

वर्जन :

पानीपत शहर में जितनी भी मांस की दुकानें चल रही हैं, सारी अवैध हैं। 25 दुकानें, जिन्हें पहले नोटिस दिया गया था, वो सील कर दी गई। हाई कोर्ट के निर्देश पर डी-सील करने के बाद उन दुकानो में मांस के कारोबार करने की अनुमति नहीं दी गई है। शहर में 27 और दुकानें जो चोरी छिपे चल रही हैं, उसे नोटिस दे दिया गया है। इन दुकानों पर सख्त कार्रवाई होगी।

शिव प्रसाद शर्मा, नगर निगम आयुक्त, पानीपत ।


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