काला पीलिया का प्रकोप, अस्पताल में नहीं दवा
जागरण संवाददाता, पानीपत पानीपत में काला पीलिया (हेपेटाइटिस सी ) का प्रकोप है। सिविल अस्पताल
जागरण संवाददाता, पानीपत
पानीपत में काला पीलिया (हेपेटाइटिस सी ) का प्रकोप है। सिविल अस्पताल में प्रत्येक दिन 60-70 मरीज जांच कराने पहुंच रहे हैं। खासकर, बापौली ब्लॉक में ज्यादा मरीज हैं। चौंकाने वाला पहलू यह कि सिविल अस्पताल में मरीजों के लिए दवा नहीं है। मंगलवार को अस्पताल में मरीज तो पहुंचे परंतु उन्हें दवा के लिए पीजीआइ रोहतक रेफर कर दिया गया।
दरअसल, हेपेटाइटिस-सी के मरीजों का सिविल अस्पताल में रजिस्ट्रेशन किया जाता था। रजिस्ट्रेशन के बाद इलाज के लिए रोहतक पीजीआइ रेफर किया जाता था। रोहतक पीजीआइ में मरीजों की भीड़ होने से जिला पानीपत के मरीज दिल्ली के एम्स अस्पताल तक दौड़ लगाते थे। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने प्रत्येक सिविल अस्पताल में हेपेटाइटिस सी की ओरल दवा मुहैया कराने की घोषणा की थी। स्वास्थ्य विभाग पानीपत ने घोषणा पर अमल करते हुए हेपेटाइटिस-सी की दवा के लिए मंगलवार और शुक्रवार का दिन निर्धारित किया था। नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए थे। दिन निर्धारित होने के कारण मरीज जांच के लिए अस्पताल पहुंचे, परंतु दवा नहीं मिली।
लैब सूत्रों की मानें तो जांच के बाद करीब 10 प्रतिशत मरीज पॉजिटिव मिल रहे हैं। स्टॉक में दवा नहीं होने के कारण मरीजों को रोहतक पीजीआइ रेफर किया गया।
बीमारी के लक्षण :
जी मिचलाना।
उल्टिया आना।
भूख कम लगना।
बुखार आना।
पेट के दाहिने भाग में दर्द।
पीलिया ग्रस्त होना।
पेशाब का रंग गाढ़ा पीला।
बीमारी का कारण :
संक्रमित रक्त चढ़ना ।
संक्रमित सुई लगना।
टैटू गुदवाना।
सैलून पर दाढ़ी बनवाना।
माता-पिता बीमारी ग्रस्त होना ।
--
काला पीलिया के मरीजों को अब इंजेक्शन नहीं, बल्कि ओरल दवा दी जाती है। दवा मंगाई गई थी, परंतु खत्म हो चुकी है। डिमांड भेजी गई है।
डॉ. शशि गर्ग, उप सिविल सर्जन एवं नोडल अधिकारी