ड्रेन की सफाई पर 14 लाख खर्च, सफाई रही अधूरी
जागरण संवाददाता, पानीपत : शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली ड्रेन नंबर एक की सफाई के लिए सि
जागरण संवाददाता, पानीपत :
शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली ड्रेन नंबर एक की सफाई के लिए सिंचाई विभाग ने 14 लाख रुपये का टेंडर जारी किया था। बरसात के मौसम से पहले इस ड्रेन नंबर एक की सफाई होनी थी लेकिन आधी अधूरी सफाई ही हो सकी। जिस कारण से ड्रेन ओवरफ्लो होने के कारण ड्रेन के साथ लगते घरों में पानी घुस गया।
अप्रैल माह में भी ड्रेन की सफाई की गई थी। ड्रेन में सफाई करने के बाद जो सिल्ट निकाली गई उसे ड्रेन के किनारे पर डाल दिया गया। बरसात में सिल्ट फिर से बहकर ड्रेन में चली जाती है। जिस कारण ड्रेन की सफाई होने के बाद सफाई नहीं हो पाती।
पहले करते थे तीन विभाग साफ
ड्रेन नंबर एक को पहले तीन विभाग साफ करते थे। इन तीनों विभागों के क्षेत्र से होकर यह ड्रेन गुजरती है। नगर निगम अपने क्षेत्र में इसकी सफाई करवाता। हुडा अपने सेक्टरों में ड्रेन की सफाई करवाता था। सिंचाई विभाग अपने क्षेत्र में इसकी सफाई करवाता था।
चार साल पहले ड्रेन पक्का करवाने की जिम्मेवारी सिंचाई विभाग को सौंपी गई। उसके बाद से सिंचाई विभाग ही इस ड्रेन की सफाई की जिम्मेवारी संभालता है।
ड्रेन से जुड़े नाले तथा सीवर
शहर में 120 किलोमीटर दायरे में गंदे नाले बने हुए है। इन नालों का पानी भी ड्रेन में ही डाला जाता। जिस कारण ड्रेन में गंदगी अधिक होती है।
14 लाख बजट खर्च
सिंचाई विभाग के एक्सईएन सुरेश ने बताया कि 14 लाख का बजट ड्रेन की सफाई के लिए खर्च किया गया है। जहां सफाई बाकी रहती है वहां सफाई की जाएगी।
ड्रेन की गहराई हुई कम
ड्रेन को चार साल पहले पक्का किया गया था। पक्का करने के दौरान ड्रेन संकरी हो गई। पहले से कम दायरा रहने के कारण अब बारिश में ड्रेन ओवर फ्लो हो जाती है।
समाधान :
नगर निगम से सेवानिवृत्त अधिकारी लक्ष्मी चानना का कहना है कि ड्रेन की सफाई के दौरान जो सिल्ट किनारों पर डाली जाती है, उसे साथ- साथ उठाया जाना चाहिए। तभी ड्रेन की सफाई हो सकेगी।