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सीआइए-1 ने दिन में तीन युवकों को उठा लिया, रात को गाड़ी लूट के प्रयास में किया गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, पानीपत : तीन युवकों को इनाम देने का झांसा देकर सीआइए-1 पुलिस के स्टाफ ने उ

By Edited By: Published: Wed, 11 Jan 2017 02:09 AM (IST)Updated: Wed, 11 Jan 2017 02:09 AM (IST)
सीआइए-1 ने दिन में तीन युवकों को उठा लिया, रात को गाड़ी लूट के प्रयास में किया गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, पानीपत : तीन युवकों को इनाम देने का झांसा देकर सीआइए-1 पुलिस के स्टाफ ने उठा लिया। फिर परिजनों से 40 हजार रुपये ले लिए। रिश्वत के 60 हजार रुपये न देने पर युवकों पर गाड़ी लूट का झूठा मामला दर्ज कर दिया। यह आरोप करनाल के मलिकपुर व रायपुर जाटान के महिला और पुरुषों ने मंगलवार को एसपी राहुल शर्मा को ज्ञापन देकर लगाया। गत 16 दिसंबर की दोपहर बाद 12 बजे से शाम सात बजे की सीआइए-1 स्टाफ के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकलवाने की मांग की। इससे पहले ग्रामीणों ने तीन घंटे तक सचिवालय में धरने पर बैठकर रोष जताया और नारेबाजी की। एसपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि मामले की जांच 15 दिन के भीतर डीएसपी मुख्यालय जगदीप दूहन से करवा ली जाएगी। अगर पुलिसकर्मी दोषी पाए तो कार्रवाई की जाएगी।

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ज्ञापन में करनाल के मलिकपुर के भीरा ने बताया कि उसका बेटा विनोद और राजमल का बेटा रोहित पेंट व सफेदी का काम करते हैं। गत 16 दिसंबर को करीब बजे विनोद के मोबाइल फोन पर कॉल आई। बात करने वाले ने बताया कि वह पेंट बेचने वाली कंपनी से है। उसका, रोहित और रायपुर के बलकार का इनाम निकला है। तीनों दिल्ली चुंगी से घरौंडा पहुंच जाएं। वे घरौंडा पहुंचे तो सीएआइए-1 स्टाफ ने उन्हें जीप में डाल लिया और बाइक ले ली।

एएसआइ महाबीर ने मांगे तीन लाख, 40 हजार लिए, बोला रुपये नहीं दिए तो दस साल जेल में सड़ोगे :

भीरा ने बताया कि 16 दिसंबर को शाम तीन बजे वह, राजमल, रामकुमार, नफे सिंह, बलबीर, मोहन और मोहन के साथ सीआइए-1 पहुंचा। वहां पर सीआइए-1 के एएसआइ महावीर से पूछा कि विनोद व रोहित ने क्या अपराध किया है। एएसआइ तब बलबीर सिंह को कमरे में ले गया। तीन हथियार दिखाकर कहा कि इन्हें विनोद व रोहित के जिम्मे लगा उन्हें गैंगस्टर दिखाकर ऐसा मुकदमा दर्ज कर दूंगा कि दस साल जेल तक से नहीं निकल पाएंगे। महावीर ने कहा कि दोनों युवकों को छोड़ देंगे। इसकी एवज में तीन लाख रुपये देने होंगे। इसमें भी उनके स्टाफ के छह-सात लोगों को थोड़ा-थोड़ा हिस्सा मिलेगा। भीरा ने दावा किया कि बलबीर से दस हजार, नफे सिंह से पंद्रह हजार, रामपाल से दस और बाकि के पंद्रह हजार रुपये इकट्ठे कर 40 हजार रुपये एएसआइ बलबीर को सीआइए-1 के पास टायर पंक्चर के खोखे पर दिए। 17 दिसंबर को वे फिर से सीआइए-1 पहुंचे तो इएचसी बिजेंद्र ने 60 हजार रुपये मांगे। वे दस हजार रुपये लेकर गए थे।

इसके बावजूद पुलिस ने रोहित व विनोद पर धारा 398, 401, 379बी के तहत मामला दर्ज गिरफ्तार किया गया। अदालत में पेश किया गया। एसएसआइ महावीर और इएचसी बिजेंद्र के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

पुलिस ने किया था गाड़ी लूटने के प्रयास का दावा

सीआइए-1 के एएसआइ महावीर ने दावा किया था कि 16 दिसंबर की शाम को वह, एएसआइ चैन सिंह, एएसआइ राज सिंह और सिपाही सत्यवान गाड़ी से गश्त पर थे। गाड़ी पर बत्ती नहीं लगी थी। तभी उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि तीन युवक रिफाइनरी मोड़ के पास राहगीरों को लूटने की फिराक में हैं। वे मौके पर पहुंचे तो करनाल के मलिकपुर गांव के रोहित व विनोद और रायपुर जाटान के बलकार ने गाड़ी पर बैटरी मारी और उनमें से एक बदमाश ने सत्यवान के कनपटी पर तमंचा लगाकर घमकाया कि जो कुछ नकदी है, निकाल दे नहीं तो गोली मार दूंगा। तभी उन्होंने उक्त तीनों बदमाशों को काबू कर लिया और पूछताछ में बताया कि तीनों ने गत 5 दिसंबर को सिंग एंड स्विंग होटल के पास से कार्तिक नामक व्यक्ति का मोबाइल फोन लूटा था। यह मामला थाना सदर में दर्ज है।

वर्जन

रोहित, विनोद और बलकार के खिलाफ झपटमारी के तीन मामले दर्ज हैं। एक मामले में मोबाइल की बरामदगी हो चुकी है। फिर भी मामले की जांच की जाएगी।

जगदीप दूहन, डीएसपी मुख्यालय


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