दलालों के हंगामे पर निगम प्रशासन ने साधी चुप्पी
जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम सदन की बैठक में दलालों के हंगामे पर दूसरे दिन भी प्रशासन
जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम सदन की बैठक में दलालों के हंगामे पर दूसरे दिन भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। वहीं दलगत राजनीति से हट कर सत्ता पक्ष सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने इसे सदन की अवमानना बताया है। प्रशासन की तरफ से कार्रवाई में देरी पर सवाल खड़ा किया। निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाने के लिए अफसरों को जिम्मेवार बताया है।
नगर निगम सदन की बैठक में बीते शुक्रवार को भ्रष्टाचार का आरोप लगते ही दलालों ने हंगामा खड़ा कर दिया था। अफसरों को चुनौती देते हुए आरोप लगाने वाले पार्षद के खिलाफ ही जांच कराने की मांग उठा दी। हंगामे से सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा। तीन घंटे की बैठक के दौरान प्रत्येक दो-तीन मिनट पर एक बार भ्रष्टाचार की बात उठती रही। निगम के अधिकारी कुछ कहने की बजाए एक दूसरे की तरफ नजरें फेरते रहें। अफसरों की ढीले रवैये से ही दलालों का मनोबल बढ़ता है। सत्ता पक्ष भाजपा से लेकर कांग्रेस व इनेलो सब इस बात को लेकर आक्रामक हैं कि निगम के अफसर दलाल के खिलाफ कदम उठाने में लिखित शिकायत का इंतजार क्यों कर रहे। घटना तो उनके आंखों के सामने हुई है।
पुलिस के पास नहीं पहुंची शिकायत
घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस के पास शिकायत नहीं पहुंची है। जो पुलिसकर्मी बैठक के दौरान मौजूद रहे वो मौन धारण कर तमाशा देखते रहें। सवाल यह उठता है निगम प्रशासन की तरफ से तत्काल शिकायत क्यों नहीं गई। शिकायत में देरी दलालों से मिलीभगत की तरफ इशारा है।
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नगर निगम सदन की बैठक में चुने हुए जन प्रतिनिधि को शामिल होने की इजाजत होती है। बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित होता है। सदन में बैठक के दौरान आरोपी दलाल के उपस्थित रहने का मामला गंभीर है। अधिकारियों को उसी क्षण कार्रवाई करनी चाहिए।
वीरेंद्र शाह
वरिष्ठ कांग्रेसी
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शनिवार को दो-तीन मीटिंग होने से व्यस्तता ज्यादा रही। पार्षद को चैलेंज करने वाले दलाल के खिलाफ सोमवार को कानूनी कार्रवाई कराएंगे। सदन की मानहानि का मामला है।
सुरेश वर्मा
मेयर, नगर निगम
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ये तो गलत कार्य हुआ है। सदन में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश करने व पार्षदों को चुनौती देने वालों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए थी। मामला गंभीर है। इस बारे में उपायुक्त डॉ. चंद्रशेखर खरे व निगम आयुक्त वीणा हुड्डा से बात कर कार्रवाई कराएंगी। ताकि दोबारा कोई ऐसा अपराध न करे।
रोहिता रेवड़ी
विधायक शहरी
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सदन में अनाधिकृत रूप से दलालों का प्रवेश गलत है। अफसरशाही भ्रष्टाचार में डूबी है। दलाल इन पर हावी है। दलालों के हंगामे पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए थी। दूसरे इस तरह का कदम उठाने का साहस नहीं करेंगे।
शेर सिंह खर्ब
इनेलो प्रेस प्रवक्ता
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सदन में अनाधिकृत रूप से दलालों का प्रवेश गंभीर मामला है। ये अब उनके संज्ञान में आ गया है। इस पर कार्रवाई के लिए कदम उठाएंगी।
कविता जैन
मंत्री स्थानीय निकाय हरियाण सरकार
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हाउस की बैठक नगर हित में की जाती है। जिस व्यक्ति की बात हो रही है वो दलाल है या ठेकेदार। ठेकेदार को भी जब सदन में बैठने का अधिकार नहीं है। जब बाहरी को बैठा लिया तो पार्षद वहां क्या करेंगे। ऐसा बिल्कुल गलत है। कार्रवाई तो होनी चाहिए।
संजय भाटिया
भाजपा प्रदेश महामंत्री
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सदन में ऐसा नहीं होना चाहिए। ये गलत हुआ है। भ्रष्टाचार की जांच कराई जानी चाहिए।
जितेंद्र कुंडू, युकां जिलाध्यक्ष