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भ्रूण हत्या पर सख्ती के विरोध में हड़ताल पर रहे निजी डॉक्टर

जागरण संवाददाता, पानीपत : भ्रूण हत्या के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जा रही कार्रवाई के विरोध

By Edited By: Published: Fri, 17 Apr 2015 08:45 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2015 08:45 PM (IST)
भ्रूण हत्या पर सख्ती के विरोध में हड़ताल पर रहे निजी डॉक्टर

जागरण संवाददाता, पानीपत : भ्रूण हत्या के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जा रही कार्रवाई के विरोध में निजी अस्पताल संचालक शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। डॉक्टरों ने सिविल अस्पताल में सीएमओ के नहीं मिलने पर लघु सचिवालय में उपायुक्त से मिले और उनसे आश्वासन मिलने पर दोपहर बाद हड़ताल खत्म कर दी।

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बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुप्त सूचना मिली थी कि असंध रोड स्थित संकल्प अस्पताल में गर्भपात किया जा रहा है। टीम ने बृहस्पतिवार देर शाम अस्पताल में छापा मारा था। वहां पर रिकॉर्ड में खामियां मिलने पर विभाग ने अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन का लाइसेंस अस्थाई तौर पर सस्पेंड कर दिया था। इसके विरोध में मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों ने शुक्रवार सुबह स्काईलार्क में मीटिंग की। इस दौरान डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई का विरोध किया और हड़ताल पर चले गए। वहां से डॉक्टर सीएमओ से मिलने सिविल अस्पताल पहुंचे, लेकिन सीएमओ अपने कार्यालय में नहीं थे। डॉक्टरों ने करीब 15 मिनट इंतजार किया। इसके बाद जिला उपायुक्त से मिलने लघु सचिवालय में पहुंचे और उपायुक्त को अपनी समस्या के बारे में बताया। डीसी के आश्वासन के बाद डॉक्टरों ने दोबारा से स्काईलार्क में बैठक की और विचार-विमर्श के बाद हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया।

मीडिया से बनाई दूरी

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान निजी अस्पताल संचालकों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी। हालांकि सूचना मिलने के बाद मीडियाकर्मी स्काईलार्क पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने मीडियाकर्मियों को कवरेज करने से इंकार कर दिया। डॉक्टरों ने तो यहां तक कह दिया आपको यहां किसने बुलाया है।

आश्वासन के बाद खत्म की हड़ताल : पाहुजा

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पानीपत के प्रधान नरेश पाहुजा ने कहा कि उपायुक्त ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। इसके बाद डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी है। स्वास्थ्य विभाग को किसी अस्पताल पर संदेह है तो पहले जांच करनी चाहिए और जांच के दौरान अस्पताल में कोई खामी पाती है तो अल्ट्रासाउंड मशीन सील करनी चाहिए। विभाग पहले अल्ट्रासाउंड मशीन सील करता है और बाद में जांच करता है। ऐसा नहीं होना चाहिए।

पीएनडीटी एक्ट के तहत की कार्रवाई : सीएमओ

सीएमओ डॉ. इंद्रजीत धनखड़ ने बताया कि संकल्प अस्पताल के खिलाफ पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। एक्ट में पहले अल्ट्रासाउंड मशीन सील करके जांच करने का प्रावधान है। संकल्प अस्पताल के रिकॉर्ड में खामी पाई गई है। इसलिए अल्ट्रासाउंड का लाइसेंस अस्थाई तौर पर सस्पेंड किया गया है। अस्पताल के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई है।

पांच सदस्यीय टीम करेगी जांच

असंध रोड स्थित संकल्प अस्पताल के मामले में उपायुक्त समीरपाल सरो ने एडीसी सुजान सिंह की अध्यक्षता में पाच सदस्यीय टीम का गठन किया है। टीम को जाच रिपोर्ट दो से तीन दिनों में सौंपने के निर्देश दिए है।

प्रतिनिधिमंडल डीसी से मिला

स्वास्थ्य विभाग द्वारा संकल्प अस्पताल में छापेमारी को लेकर इडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी शुक्रवार को उपायुक्त समीरपाल सरो से लघु सचिवालय के सभागार में मिले। उपायुक्त ने कहा कि इस कार्य में बिल्कुल पारदर्शिता के साथ कार्य किया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि किसी के साथ द्वेष भावना रखकर कार्य नहीं किया जाएगा। जिला प्रशासन डॉक्टरों की समस्याओं को लेकर हरसंभव सहायता के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार रात को जो प्रकरण हुआ, वह पीएनडीटी एक्ट को लेकर एक रूटीन प्रक्रिया थी। इसके तहत अस्पताल की केवल अल्ट्रासाउंड मशीन सील की है। पीएनडीटी एक्ट को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए है। जाच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। एडीसी सुजान सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई टीम में प्रशासन और आइएमए की ओर से दो-दो मेडिकल प्रतिनिधि भाग लेंगे। संकल्प अस्पताल के मालिक, डॉक्टर और इलाज करवाने वाले रोगी के संबंधी भी बुलाए जाएंगे, ताकि वे अपनी बात रख सकें।

भ्रूण हत्या बर्दाश्त नहीं : सरो

उपायुक्त सरो ने कहा कि भू्रण हत्या समाज की एक बहुत बड़ी बुराई है, जो भी लोग इस कार्य में संलिप्त है या ऐसे कार्य करने वाले लोगों का साथ देते है तो उन्हे बख्शा नहीं जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से इडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से यह सुझाव रखा गया है कि जब भी कोई ऐसा केस आए, जिसमें रोरी को आपातकालीन चिकित्सा के साथ-साथ अल्ट्रासाउंड की जरूरत है या ऐसा केस है जिसका बाद में प्रशासन या समाज में नकारात्मक प्रभाव पड़ने के आसार हों, तो उस सूचना को मोबाइल से एसएमएस के जरिए या त्वरित सूचना देकर इस प्रकार की घटना के बारे में बताया जा सकता है।


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