कोच नहीं मिला, ठेके पर दिया जाएगा टेनिस कोर्ट
विजय गाहल्याण, पानीपत: प्रशासन ने शिवाजी स्टेडियम में जिले का इकलौता सरकारी टेनिस कोर्ट बनाकर युवाओ
विजय गाहल्याण, पानीपत: प्रशासन ने शिवाजी स्टेडियम में जिले का इकलौता सरकारी टेनिस कोर्ट बनाकर युवाओं को टेनिस खिलाड़ी के सपने दिखाए थे, लेकिन कोच नहीं मिला है। इससे टेनिस के खिलाड़ी तैयार नहीं हो पा रहे हैं। पिछले छह महीने से टेनिस कोर्ट पर ताला लगा है। खेल विभाग की ओर से कोच न मिलने की उम्मीद भी नहीं है। इसी वजह से जिला खेल विभाग ने टेनिस कोर्ट को ठेके पर 25 हजार रुपये प्रतिमाह देने की योजना बनाई है, ताकि यहां पर टेनिस की निजी एकेडमी चले और खिलाड़ियों को फायदा मिले। इसकी फाइल तैयार करके अनुमति के लिए डीसी कार्यालय में भेज रखी है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद टेनिस कोर्ट को निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा।
15 लाख की लागत से बना है कोर्ट
तत्कालीन डीसी अजीत बालाजी जोशी ने डी प्लान के तहत पंचायत राज विभाग द्वारा स्टेडियम में टेनिस कोर्ट बनवाया है। इस मद पर 15 लाख रुपये खर्च हुए हैं। मई माह में टेनिस कोर्ट बनकर तैयार हो गया था, लेकिन कोच न होने की वजह से इसका फायदा नहीं मिला। तब से टेनिस कोर्ट पर ताला लगा है।
कोर्ट पर विवाद निपटा
खेल विभाग ने टेनिस कोर्ट की पैमाइश के लिए करनाल के कोच खुशवंत सिंह को बुलाया था। कोच ने रिपोर्ट दी थी कि यह कोर्ट अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के हिसाब से कम लंबा है। इस कोर्ट का निर्माण करवाने वाले पंचायत राज विभाग के एक्सइएन जसवीर पंवार का कहना है कि टेनिस कोर्ट नियम के मुताबिक बनाया गया है। यह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के स्तर का नहीं है। बाद में खेल विभाग भी मान गया कि कोर्ट ठीक बना है। इससे कोर्ट का विवाद निपट गया है।
जिले में खेलने को मौका मिलेगा
आट्टा गांव के टेनिस खिलाड़ी जतिन गाहल्याण का कहना है कि उसने टेनिस के अभ्यास के लिए सोनीपत जाना पड़ता है। अगर स्टेडियम के कोर्ट में एकेडमी बन जाए तो वह यहीं पर अभ्यास कर सकेगा। इससे उसका समय भी बचेगा और धन भी।
वर्जन
स्टेडियम में टेनिस कोच नहीं है। टेनिस के खिलाड़ियों को खेलने की सुविधा मिले इसलिए टेनिस कोर्ट को ठेके पर दिया जाएगा। इसके लिए डीसी से अनुमति ली जाएगी।
ईश्वर सिंह बिढ़ान, जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी
..विजय, 23 नवंबर, 2014