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गब्बर की 'किस्मत' पर नहीं डाल पाए डाका, यूं ही नहीं बोलते इनको दाढ़ी वाले बाबा, पढ़ें और भी रोचक खबरें

राजनीति में कई ऐसी खबरें होती हैं जो आमतौर पर मीडिया में सुर्खियां नहीं बन पाती। आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसी ही रोचक खबरों पर...

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 11:22 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 12:29 PM (IST)
गब्बर की 'किस्मत' पर नहीं डाल पाए डाका, यूं ही नहीं बोलते इनको दाढ़ी वाले बाबा, पढ़ें और भी रोचक खबरें
गब्बर की 'किस्मत' पर नहीं डाल पाए डाका, यूं ही नहीं बोलते इनको दाढ़ी वाले बाबा, पढ़ें और भी रोचक खबरें

चंडीगढ़। हरियाणा के हैवीवेट काबिना मंत्री अनिल विज ने हाल ही में विधायक के रूप में 30 साल पूरे किए हैं। छह बार विधायक बन चुके 'गब्बर' की किस्मत पर डाका डालने की कोशिश में विरोधियों ने उनकी चीजें भी चुराईं, लेकिन चोरी करने वाले राजनीति में जम नहीं पाए। शुगर की बीमारी के कारण अब जूते पहनने वाले विज कुछ समय पहले तक हमेशा चप्पल में रहते थे।

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विज बताते हैं कि कई मौके आए जब उनकी चप्पलें चोरी हो गईं और उन्हेंं नंगे पैर चलना पड़ा। चप्पल चोर सोचते थे कि इन्हेंं पहनकर शायद उनकी किस्मत भी बदल जाएगी। इसी तरह दो बार चोरों ने उनकी मारुति-800 पर हाथ साफ कर दिया। इस मारुति को खुद चलाकर विज अंबाला छावनी में घर-घर और दुकान दर दुकान जाते थे। लोगों से उनका हालचाल पूछते थे, हालांकि मामले ने तूल पकड़ा तो चोर कार को वापस छोड़ भी गए। बाद में विज ने जिस व्यक्ति को यह कार बेची, उसने उसे आज भी अपने संग्रहालय में रखा हुआ है।

यूं ही नहीं बोलते दाढ़ी वाले बाबा

सूबे में बेबाक बोलने वाले एक ही दाढ़ी वाले बाबा हैं। कोविड-19 के चलते भी संभवतया कोई ही ऐसा दिन नहीं होगा जिस दिन दाढ़ी वाले बाबा सुर्खियों में नहीं रहे हों। 27 मई को सायं जब भाजपा कोर ग्रुप और विधायकों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हो रही थी तो दाढ़ी वाले बाबा ने कुछ ज्यादा ही परेशान करने वाला एक राजनीतिक सुर्रा छोड़ दिया। अब बाबा के मुंह से निकला एक-एक शब्द देसी बंदूक के छर्रे की तरह काम नहीं करे तो यह भी उनके लिए शोभा नहीं देता। बाबा ने साफ कहा कि सूबे में पार्टी का नया अध्यक्ष बन गया होता तो लॉकडाउन में ज्यादा बेहतर काम होता। बाबा के इस वाक्य पर इन दिनों कुछ प्रभावित नेताओं का शोध चल रहा है कि बाबा किसके इशारे पर बोले। क्योंकि बाबा यूं ही कुछ नहीं बोलते।

पंजाब कर रहा छोटे भाई से धक्का

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता पंजाब की धक्केशाही से खफा हैं। विधानसभा में हरियाणा के हिस्से के कमरे देने से इंकार कर रहे पंजाब के स्पीकर केपी राणा को झूठा करार देते हुए कह रहे कि वह कौन सी बैठक में मामले को एग्जामिन करने की बात कह रहे, जबकि हमारे बार-बार अनुरोध के बावजूद दोनों प्रदेशों के अधिकारियों की बैठक नहीं बुलाई गई। एसवाइएल, चंडीगढ़ सहित अन्य पुराने विवादित मुद्दों का हवाला देते हुए गुप्ता कहते हैं कि पंजाब हमेशा से हरियाणा से धक्का करता आया है, लेकिन अब और नहीं सहेंगे। पंजाब जरूरत से ज्यादा कमरे लिए बैठा है। यह कमरे खाली पड़े हैं, जबकि हमारे पास डिप्टी सीएम और चीफ व्हिप तक के लिए कमरा नहीं। चंडीगढ़ के प्रशासक से जल्द ही मुलाकात कर विधानसभा भवन में अपना पूरा हिस्सा मांगेंगे। जरूरत पड़ी तो गृह मंत्री अमित शाह के पास भी मामला जाएगा। कानूनी कार्रवाई करेंगे, लेकिन अपना हक लेकर रहेंगे।

बरौदा दंगल के लिए कांग्रेस का पहलवान

व्यक्तिगत स्पर्धा में लगातार दो बार ओलंपिक पदक जीतने वाले पहलवान सुशील कुमार का जन्म बाहरी दिल्ली के नजफगढ़ के बापरौला गांव में हुआ मगर फिलहाल राजनीतिज्ञ उनका सोनीपत से कनेक्शन ढूंढ रहे हैं। सुशील की राजनीतिक इच्छा के बारे में सूबे में कांग्रेस दिग्गज भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके राज्यसभा सदस्य पुत्र दीपेंद्र हुड्डा अच्छी तरह जानते हैं। दीपेंद्र के सुशील से पारिवारिक संबंधों के आधार पर यदि यह कहा जाए कि सुशील इस परिवार के नयनतारा हैं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस बार 26 मई को सुशील का जन्मदिन भी भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा ने खास अंदाज में मनाया। दोनों ने जन्मदिन की बधाई देते हुए अपनी फेसबुक वाल पर सुशील के साथ फोटो भी शेयर किए। कमेंट बाक्स में कुछ समर्थकों ने तो यह भी कह दिया कि सुशील को बरौदा उपचुनाव में भाजपा के पहलवान के सामने उतार दो। भाजपा यहां पिछले चुनाव में पहलवान योगेश्वर दत्त पर दांव खेल चुकी है। (प्रस्तुति : अनुराग अग्रवाल, बिजेंद्र बंसल एवं सुधीर तंवर)


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