जाटों को बीसी-सी में आरक्षण की तैयारी, गैर जाटों का भी ध्यान रखेगी सरकार
हरियाणा सरकार ने जाटों को बीसी-सी वर्ग के तहत आरक्षण देने की तैयारी कर ली है। इसेे साथ ही सरकार गैर जाटों का भी ध्यान रखेगी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की भाजपा सरकार जाटों को खुश करने के साथ-साथ ब्राह्मण, वैश्य और पंजाबी समुदाय के लोगों को भी नाराज नहीं करेगी। जाटों के साथ जट सिख, त्यागी, रोड़ और बिश्नोई को बीसी-सी वर्ग में आरक्षण देने पर तो सहमति बन ही गई है। इसके साथ ही सरकार वैश्य, पंजाबी, खत्री-अरोड़ा और ब्राह्मणों को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ देने के लिए आय सीमा में बढ़ोतरी करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। गैर जाट वर्ग के लोगों की आय में बढ़ोतरी की सीमा कानूनी रूप से बढ़ाई जा सकती है।
जाटों समेत पांच जातियों को बीसी-सी श्रेणी में आरक्षण देने की संभावना
जाट आरक्षण को लेकर सरकार और भाजपा में दो गुट बन गए हैं। मनोहर सरकार के अधिकतर मंत्री जाट आरक्षण का विरोध कर रहे हैं, साथ ही उन्होंने गैर जाट वर्ग को भी खुश करने का दबाव बना दिया है। वे अपने परंपरागत गैर जाट वोट बैंक को बिखरने नहीं देना चाह रहे हैं। इसलिए सरकार को सलाह दी गई है कि वह भले ही जाटों को आरक्षण दे लेकिन गैर जाट की चिंता भी करे।
गैर जाट बिरादरियों की आय सीमा में कानूनी रूप से बढ़ोतरी कर सकती है सरकार
सूत्रों के अनुसार सरकार जाट, जट सिख, त्यागी, रोड़ और बिश्नोई समाज के लोगों को बीसी-सी की अलग श्रेणी बनाकर 10 प्रतिशत आरक्षण देने पर लगभग तैयार है। बाकी जितने भी विकल्प हैं, वह सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाले हैं।
गैर जाट मंत्रियों ने सरकार पर दबाव बनाया है कि अरोड़ा, खत्री, पंजाबी, वैश्य और ब्राह्मण के साथ राजपूतों को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए। यदि जाट समुदाय के दबाव में सिर्फ जाटों की ही चिंता की गई तो गैर जाटों में आक्रोश बढ़ेगा। इसलिए आर्थिक आधार पर इन बिरादरी के लोगों को आरक्षण की जो सुविधा मिली हुई है, उसमें आय सीमा अभी तक दो लाख रुपये तक है, जिसे बढ़ाकर छह से साढ़े छह लाख रुपये का विधेयक भी लाया जाए। इससे अधिक से अधिक लोग आरक्षण के दायरे में शामिल हो जाएंगे।
कैबिनेट की बैठक में आज लगेगी अंतिम मुहर
मंत्रिमंडल की रविवार शाम होने वाली बैठक में आरक्षण के प्रारूप पर अंतिम मुहर लग सकती है। भाजपा की प्रदेश कार्य समिति की पंचकूला के मोरनी रोड पर बैठक होने जा रही है। बैठक में बनी राय पर भी विचार करते हुए मंत्रिमंडल की बैठक में आरक्षण सुविधा का दायरा बढ़ाने पर कोई फैसला लिया जाएगा। भाजपा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक सुबह नौ बजे से शाम तक चलेगी और कैबिनेट की बैठक पांच बजे बुलाई गई है।
जाट सहमत नहीं हुए तो सख्ती बरतेगी सरकार
भाजपा सरकार द्वारा एक बार आरक्षण का प्रारूप तय करने के बाद फिर उसमें बदलाव संभव नहीं है। यदि कुछ जाट व खाप संगठन सरकार द्वारा स्वीकृत प्रारूप से सहमत नहीं होते तो ऐसे लोगों से निपटने के लिए सरकार सख्त फैसले ले सकती है। सूत्रों के अनुसार विधानसभा में 30 मार्च को जाट आरक्षण विधेयक पेश किया जा सकता है। विधानसभा 31 मार्च तक चलेगी।