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निगम भंग करने की टिप्पणी से कमल की राह आसान!

राजेश मलकानियां, पंचकूला : नगर निगम को भंग करने की पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट की टि

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 03:01 AM (IST)
निगम भंग करने की टिप्पणी से कमल की राह आसान!
निगम भंग करने की टिप्पणी से कमल की राह आसान!

राजेश मलकानियां, पंचकूला : नगर निगम को भंग करने की पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट की टिप्पणी के बाद भाजपा के पास सुनहरा मौका है कि वह निगम को भंग करके नए चुनाव करवा ले। नगर निगम में भाजपा के तीन ही पार्षद है और इस बार भाजपा सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करके उन्हे जीताने के लिए जोर लगा देगी। भाजपा के सुनहरे दिन चल रहे है। चंडीगढ़, फरीदाबाद, महाराष्ट्र के नगर निगम चुनाव में भाजपा के परचम के बाद यदि पंचकूला में कमल खिल जाए, तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। भाजपा का स्थानीय नेतृत्व भी इसी पक्ष में है कि पंचकूला नगर निगम को भंग करके पिंजौर एवं कालका को अलग करके नगर परिषद व पंचकूला शहर की निगम बना दी जाए।

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कठपुतली बनकर रह गई निगम

नगर निगम पंचकूला एक कठपुतली बनकर रह गई है। कभी अधिकारी अपनी चलाने की कोशिश करते है, तो कभी चुने गए प्रतिनिधि अपनी जोर अजमाइश में जुट जाते है। दोनों ही शहर के विकास के प्रति संवेदनशील नहीं है, जिस कारण आज शहर के विकास को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट को तल्ख टिप्पणी देनी पड़ गई। भाजपा का विकास में कोई बड़ा रोल नहीं है, क्योंकि निगम में उसकी कुछ नहीं चल रही। तीन ही पार्षद है, जोकि कोई बड़ा रोल अदा नहीं कर पा रहे।

पीछे छूट गया विकास

चुने प्रतिनिधियों एवं अफसरों के मुंह से पंचकूला के विकास की बात बहुत सुनाई देती है। जब भी उन्हे सुने, तो बस एक-दूसरे को विकास में रोड़ा अटकाने की बात ही सुनती है। एक-दूसरे पर काम न करने का माहौल बनाने का आरोप जड़ा जाता है। हालात यह है कि निचले स्तर की कर्मचारी एवं अधिकारी इस बात को लेकर परेशान रहते है कि वह निगम के बड़े अधिकारियों की सुनें या मेयर की। आपसी खींचतान में विकास बहुत पीछे छूट गया है।

बेलगाम है अफसर : रंजीता

नगर निगम पंचकूला के अफसरों पर सरकार की नकेल नहीं है और यह बेलगाम अफसर पंचकूला की छवि बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार है। यह बात हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश वरिष्ठ उपप्रधान व प्रवक्ता ने कही। रंजीता मेहता ने कहा कि अफसरों ने मेयर उपिंद्र कौर आहलुवालिया द्वारा लगातार विकास करवाने के प्रयासों में अड़ंगा अड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मेयर ने समय-समय पर अधिकारियों को काम करने के लिए कहा, जब अफसरों ने नहीं सुनी, तो मजबूरन चिट्ठियां लिखी, प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्थानीय निकाय मंत्री को भी चिट्ठी लिखी, लेकिन अफसरों ने शहर का बेडागर्क करने का मन बना रखा है। रंजीता मेहता ने कहा कि पंचकूला नगर निगम कमिशनर सहित सभी अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से बदल दिया जाना चाहिए।


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