पेशी का पता नहीं, हम तो बाबा जी के दर्शन करने आए है
राजेश मलकानियां, पंचकूला : हमारे संत जहां जाते है, वहां पर हम पहुंच जाते है। अब 25 अग
राजेश मलकानियां, पंचकूला : हमारे संत जहां जाते है, वहां पर हम पहुंच जाते है। अब 25 अगस्त को हमारे पिताजी पंचकूला आ रहे है, हम तो उनके दर्शन करने के लिए आए है। किसी कोर्ट में पेशी है, यह तो हमें नहीं पता लेकिन हम तो अपने बाबाजी के दर्शन करके ही लौटेगे। यह कहना है पंचकूला पहुंच रहे हजारों डेरा अनुयायियों का। पंचकूला में लगभग 30 हजार डेरा समर्थक पहुंच चुके है, जोकि कहीं पार्काें, सड़कों, फुटपाथों पर बैठे हैं, वहीं, ज्यादातर सेक्टर-23 स्थित नाम चर्चा घर को जाने वाली सड़कों पर बैठे हुए हैं। इनमें से कुछ समर्थकों के साथ लाठी और डंडे भी हैं, जिनके सहारे वह चल रहे है।
विभिन्न राज्यों से पहुंचे डेरा प्रेमी
पटियाला से आए सोहन सिंह ने कहा कि हमारे संत जी पंचकूला आ रहे है, हम तो उनके दर्शन करने के लिए आए है। जब उनसे यौन शोषण मामले में फैसले के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि हमें तो कुछ नहीं पता, बस हम तो दर्शन करने आए है। सिरसा से आई सुनीता रानी ने कहा कि पिता जी हमारे पूजनीय है। वह समाज के उत्थान एवं गरीब लोगों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते है। उनके प्रवचन सुनने के लिए हम पंचकूला आए है। जब उन्हे बताया कि यहां पर प्रवचन तो नहीं होंगे, वह बोलीं कि होंगे और जरूर होंगे। दिल्ली के चरण सिंह ने कहा कि वह जीरकपुर से पैदल सेक्टर-23 पहुंचा है। ऑटो को पंचकूला बॉर्डर पर ही रोककर हमें उतार दिया गया। उसके आगे किसी भी वाहन की व्यवस्था नहीं की गई है, ऐसे में डेरा प्रेमियों को नाम चर्चा घर तक पहुंचने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
छतरियों को लेकर पुलिस से झड़प
नाम चर्चा घर में छतरियां लेकर पहुंच रहे डेरा अनुयायियों से कुछ छतरियां जब्त कर ली गई। जिसको लेकर डेरा प्रेमियों ने एतराज जताया। इसके बाद चंडीमंदिर थाना प्रभारी ललित कुमार भी मौके पर पहुंचे। यहां पर डेरा प्रेमियों ने एसएचओ से कहा कि वह अपनी छतरियां बारिश से बचने के लिए लेकर आए है, इस पर एसएचओ ने पूछा कि आप लोग यहां क्यों आए हैं तो एसएचओ को भी डेरा प्रेमियों का एक ही जवाब था कि हम तो अपने संत के दर्शन करने आए है। इसके बाद कुछ लोगों को उनकी छतरियां वापस लौटा दी गई।
डेरा प्रेमियों ने जताया विरोध
डेरा के जिला पच्चीस सदस्य चमकौर सिंह ने कहा कि डेरा प्रेमियों को तंग किया जाएगा तो वह और भड़केंगे। डेरे को बदनाम करने के लिए शरारती तत्व घूम रहे है और हमें आशंका है कि अशांति फैलाने की कोशिश भी हो सकती है। हम भलाई के काम करते है, प्रशासन चाहे, तो हमसे कोई भलाई के काम करवाए। कोई ब्लड कैंप लगा ले, कहीं झाड़ियां या सफाई अभियान चला लें, नाले साफ करवा लें। हम तो सहयोग देने वालों में है। डेरा सच्चा सौदा 133 मानवता भलाई के काम करता है। परंतु प्रशासन डेरा प्रेमियों तंग कर रहा है। संगत को परेशान करने के लिए जीरकपुर से पैदल भेजा जा रहा है। ढाबे पर रोटी खाने वालों को तंग कर रहे है। कोई धर्मशाला में नहीं रुकने दे रहे। रहने के लिए जगह, शौचालय की व्यवस्था, एंबुलेंस इत्यादि नहीं है। ऐसे ही हालात रहे तो लोग भड़क भी सकते है। संगत तो गुरु जी के दर्शन करने आई और पेशी होने के बाद वापस लौट जाएगी।