राज्य में बढ़ी निवेश की रफ्तार, व्यापार में दिखा हैपनिंग हरियाणा का असर
हरियाणा में निवेश को प्रोत्साहित कर बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में निवेश को प्रोत्साहित कर बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। व्यापारियों और उद्यमियों को दी जा रही कई तरह की सुविधाओं के चलते प्रदेश में तेजी से निवेश बढ़ा। पिछले दस सालों में औसत निवेश की तुलना में पिछले दो वर्षों में पूंजी निवेश की रफ्तार डेढ़ गुणा हुई है।
प्रदेश में निवेशकों को लुभाने के लिए कई स्तरों पर काम चल रहा है। वर्ष 2005-06 से 20013-14 तक जहां औसत निवेश 4821 करोड़ रुपये था वहीं पिछले दो वर्षों में यह 7423 करोड़ हो गया। नई उद्यम प्रोत्साहन नीति में विकास दर को आठ फीसद से अधिक कर एक लाख करोड़ रुपये का पूंजी निवेश जुटाने और चार लाख लोगों के लिए रोजगार का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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मेक इन हरियाणा कार्यक्रम के तहत उद्यमियों को तमाम मुश्किलों से निजात दिलाने के लिए एक छत अवसंरचना समेत कई कदम उठाए गए हैं। इनवेस्ट हरियाणा पोर्टल पर ऑनलाइन सांझा आवेदन प्रपत्र (सीएएफ) उद्योग एवं वाणिज्य, श्रम, आबकारी एवं कराधान, पर्यावरण, नगर एवं ग्राम आयोजना जैसे विभिन्न विभागों की सेवाओं को एकीकृत करता है। उद्यम प्रोत्साहन अधिनियम के चलते हरियाणा ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में देशभर में 14वें से छठे स्थान पर पहुंच गया। कुल 26 हजार 679 करोड़ रुपये के निवेश से करीब एक लाख लोगों के लिए रोजगार के रास्ते खुले हैं। वर्ष 2015-16 के दौरान प्रदेश का निर्यात 81 हजार करोड़ के पार हो गया है।
हैपनिंग हरियाणा ने बदली तस्वीर
पिछले साल मार्च में हुए हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इनवेस्ट्र्स समिट के बाद सवा छह लाख करोड़ रुपये के निवेश और 7.40 लाख करोड़ रुपये के संभावित रोजगार के 406 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। अब तक 167 मामलों में भूमि की खरीद की गई है और 80 हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ ढाई लाख युवाओं को रोजगार देने की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसी तरह विगत जनवरी में गुरुग्राम में हुए प्रवासी हरियाणा दिवस में 33 देशों से 400 अप्रवासी भारतीयों ने 20 हजार 430 करोड़ रुपये के संभावित निवेश तथा 45 हजार युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए 24 समझौते किए।
प्रदेश सरकार उद्योगपतियों की सुविधा और उनकी मांग के अनुसार औद्योगिक नीति में बदलाव करने के लिए हर समय तैयार है। निवेश के इच्छुक उद्योगपतियों को सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए 45 दिनों में अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया जाएगा। औपचारिकता पूरी नहीं होने पर अस्थाई एनओसी जारी कर उद्योग स्थापित करने की दिशा में प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। सरकार की नीतियां उद्योगपतियों को खूब रास आ रही हैं।
-विपुल गोयल, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री
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