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हाई कोर्ट ने रद की न्यायिक प्रारंभिक परीक्षा, रजिस्‍ट्रार सहित तीन पर होगा केस

हाई कोर्ट ने बृहस्‍पतिवार को एचसीएस न्यायिक प्रारंभिक परीक्षा रद करने का आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट के रजिस्‍ट्रार (रिक्रूटमेंट) व दो परीक्षार्थियों पर केस भी दर्ज होगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 14 Sep 2017 06:22 PM (IST)Updated: Thu, 14 Sep 2017 06:29 PM (IST)
हाई कोर्ट ने रद की न्यायिक प्रारंभिक परीक्षा, रजिस्‍ट्रार सहित तीन पर होगा केस

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जुलाई  में हुई एचसीएस न्यायिक प्रारंभिक परीक्षा को रद कर दिया है। हाई कोर्ट ने यह अादेश बृहस्‍पतिवार को जारी किया। यह आदेश इस परीक्षा में पेपर लीक का खुलासा होने के बाद जारी किया है। हाई कोर्ट के इस कदम से राज्‍य में खलबली मच गई है। हाईकोर्ट के रजिस्‍ट्रार  (रिक्रूटमेंट)  डॉ. बलविंदर शर्मा और दो टॉपर म‍हिला अभ्‍यर्थियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के भी आदेश दिए गए हैं।

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इस बारे में बृहस्‍पतिवार को हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने पब्लिक नोटिस जारी कर इसकी जानकारी दी है।   इस परीक्षा में पेपर लीक की बातें सामने आने से न्‍यायिक सेवा की परीक्षाअाें को लेकर बड़े सवाल उठ गए थे। इस मामले में हाई कोर्ट की कमेटी ने परीक्षा रद कर आरो‍पियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इस मामले में हाईकोर्ट के रजिस्‍ट्रार बलविंदर शर्मा के खिलाफ भी कार्रवाई की भी कमेटी ने सिफारिश की थी।

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इसके बाद हाई कोर्ट ने यह आदेश जारी किया। हाई कोर्ट ने दो महिला अभ्‍यर्थियों सुनीता और सुशीला के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिया है। इन दोनों पर परीक्षा में पेपर लीक में शामिल होने का आरोप है। आरोप है कि हाई कोर्ट के रजिस्‍ट्रार बलविंदर शर्मा और सुनीता ने एक साल में करीब 760 बार एक-दूसरे को फोन कॉल किए।

 परीक्षा को लेकर हुई प्रारंभिक जांच में यह साफ़ हुअा था कि 16 जुलाई को हुई इस परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। इसके बाद जांच कमेटी ने इस मामले में रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट)  डॉ. बलविंदर शर्मा, परीक्षा में सामान्‍य वर्ग से टॉपर सुनीता और आरक्षित वर्ग में टॉपर सुशीला के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश की थी। इसी के साथ कमेटी ने परीक्षा को भी रद करने की भी सिफारिश की थी।  

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रजिस्ट्रार (विजिलेंस) ने हाई कोर्ट को था कि डॉ बलविंदर शर्मा और आरोपी सुनीता के बीच पिछले एक वर्ष में 760 बार फ़ोन पर बात हुई और दोनों ने एक दूसरे को एसएमएस भी किए थे। दूसरी ओर, डॉ बलविंदर शर्मा ने जांच कमेटी में दर्ज करवाए अपने बयानों में सुनीता से किसी भी किस्म की कोई भी बातचीत से इन्‍कार किया किया था। 

 जस्टिस राजेश बिंदल, जस्टिस राजन गुप्ता एवं जस्टिस जी.एस. संधावालिया की पीठ ने जांच कमेटी की सिफारिशों पर कार्रवाई कर इसकी सूचना शुक्रवार 15 सितंबर को देने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद हाईकोर्ट प्रशासन ने परीक्षा रद करने और अन्‍य कार्रवाई का कदम उठाया है।

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