हरियाणा सरकार का प्रस्तावः हिसार में सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाएं, हम देंगे जमीन
हरियाणा सरकार ने हिसार में बड़ा एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव दिया है। राज्य सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चंडीगढ़ एयरपाेर्ट के मामले पर सुनवाई के दौरान यह प्रस्ताव दिया।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने हिसार में देश का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट व एविएशन हब बनाने का प्रस्ताव दिया है। हरियाणा सरकार ने हिसार में वर्तमान में मौजूद 196 एकड़ भूमि के साथ ही 3200 एकड़ अतिरिक्त भूमि देने की बात कही है। इससे यह एयरपोर्ट चंडीगढ़, जयपुर और अमृतसर एयरपोर्ट को मिलाकर देखा जाए तो उससे भी बड़ा होगा।
हरियाणा सरकार ने यह प्रस्ताव अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट से अंतराष्ट्रीय उड़ानों की कम संख्या को लेकर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई के दौरान दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ ही अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही याचिका कर्ताआें और कोर्ट मित्र को सुझाव देने को कहा है।
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हरियाणा सरकार की ओर से सिविल एविएशन विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी नरेंद्र आहुजा ने कोर्ट में हलफनामा सौंपा। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ने 29 दिसंबर 2014 को हिसार एयरपोर्ट को अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट में बदलने की घोषणा की थी। वर्तमान में हिसार एयरपोर्ट के लिए 196 एकड़ भूमि मौजूद है और सरकार ने 3200 एकड़ भूमि और देने की बात कही है।
आहुजा ने योजना के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में रनवे की लंबाई को चार हजार मीटर से बढ़ाकर सात हजार मीटर किया जाएगा और रात में उड़ानों के लैंड करने के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसके साथ ही अतिरिक्त हैंगर की व्यवस्था की जाएगी। इससे मैंटेनेंस, रिपेयर की गतिविधियों को अंजाम देने के साथ ही टर्मिनल बिल्डिंग के रेनोवेशन के लिए सरकार ने 50 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
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उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने हिसार एयरोड्रोम को इंटीग्रेटिड एविएशन हब बनाने के लिए मैसर्स फ्रोस्ट एंड सुलिवन इंडिया प्रा. लि., चेन्नई को कंसलटेंट रखा है। यह कंपनी डिटेल स्टडी कर तकनीकी और आर्थिक पहलुओं के बारे में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
हरियाणा सरकार की ओर से एडवोकेट रणधीर सिंह ने हाईकोर्ट को मुख्यमंत्री द्वारा सिविल एविएशन मंत्री को लिखे गए16 मार्च 2016 के पत्र की जानकारी दी। इस पत्र में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को हिसार एयरपोर्ट को इंटीग्रेटिड हब के रूप में विकसित करने की अपील की थी।
सिविल एविएशन मंत्रालय को पत्र लिखकर हिसार और करनाल को रिजनल कनेक्टिविटी स्कीम से जोड़ने का अनुरोध किया गया। इसके साथ ही राय सरकार की ओर से डीजीसीए से अनुरोध किया गया है कि एक तकनीकी सक्षम अधिकारी को हिसार में नियुक्त किया जाए जो उड़ानों से जुड़ी तकनीकी जानकारी रखता हो। यह अधिकारी राज्य सरकार व कंसलटेंट को बताए कि क्या इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी है।
उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने वर्तमान रनवे की स्ट्ररल स्टै्रंथ, सर्फेस फ्रिक्शन तथा ऑब्स्टैकल लिमिटेशन सर्फेस की स्टडी के लिए 84, 41, 550 रुपये की मांग की थी जो उपलब्ध करवा दिया गया है। वर्तमान में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यह तकनीकी स्टडी कर रही है।
इस दौरान कहा गया कि हिसार का एयरपोर्ट दिल्ली, चंडीगढ़ और जयपुर के केंद्र में है और ऐसे में यह देश की राजधानी दिल्ली का बोझ कम करने में भी मददगार साबित होगा। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि हर बार दिल्ली को ही क्यों प्रमोट किया जाता है। जब दिल्ली एयरपोर्ट पर भीड़ इतनी अधिक बढ़ गई है तो दिल्ली का विकल्प क्यों नहीं देखा जाता। हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के इतने करीब इतनी अधिक भूमि होना एक एडवांटेज है और ऐसे में इस सुनहरे मौके को नहीं खोना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि हर राज्य अपने यहां अधिक से अधिक हवाई पट्टी का निर्माण कराना चाहता है। उत्तर प्रदेश में जेवर में हवाई अड्डे का मामला काफी समय से लंबित है।