हरियाणा में नोटबंदी की खिलाफत पर भारी कांग्रेसियों की धड़ेबंदी
नोटबंदी के विरोध के लिए कांग्रेस की बैठक में भूपेंद्र सिंह हुड्डा नहीं पहुंचे। हुड्डा गुट के अधिकतर विधायक और पदाधिकारी नहीं पहुंचे। तंवर गुट ने हुड्डा गुट निशाने पर रखा।
जेएनएन, चंडीगढ़। नोटबंदी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चला रही कांग्रेस की राह हरियाणा में आसान नहीं। आलाकमान के निर्देश पर दो दिन बाद चंडीगढ़ में भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय का घेराव करने की रणनीति बनाने और दिग्गज नेता की ड्यूटी लगाने के लिए गत दिवस बुलाई गई प्रदेश कार्यसमिति व पदाधिकारियों की बैठक भी गुटबाजी का शिकार हो गई।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित उनके समर्थक ज्यादातर सांसद-विधायक और पदाधिकारी बैठक से कन्नी काट गए। इस तरह सांसद विप्लव ठाकुर और पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल के नेतृत्व में हुई मीटिंग पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर का शो बनकर रह गई। अधिकतर वक्ताओं ने इशारों में तो किसी ने खुलकर हुड्डा गुट को निशाने पर रखा।
दोनों गुटों को बैठक से पहले ही सूचना मिल गई थी कि किन्हीं कारणों से पार्टी के प्रदेश प्रभारी कमलनाथ नहीं पहुंचेंगे। इसका फायदा उठाकर पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा व उनके समर्थक बैठक में नहीं पहुंचे। हुड्डा समर्थक कांग्रेस विधायक पहले ही आलाकमान को लिखित में दे चुके कि वह पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर द्वारा बुलाई गई किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे। हालांकि कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष फूलचंद मुलाना, धर्मपाल मलिक, विधायक रेणुका बिश्नोई, आनंद सिंह दांगी, रणबीर सिंह महेंद्र व कर्ण सिंह दलाल सहित अन्य कई नेताओं ने बैठक में शिरकत कर गुटबाजी पर चिंता जताई।
बता दें कि हरियाणा कांग्र्रेस की करीब छह माह पूर्व हुई कार्यसमिति की बैठक में भी हुड्डा और तंवर समर्थकों के बीच बवाल हुआ था। इसके बाद नई दिल्ली में दोनों गुटों के बीच मारपीट हुई। शिंदे कमेटी इस मामले की जांच कर रिपोर्ट हाईकमान को सौंप चुकी, जबकि पुलिस भी अलग से जांच कर रही है।
सांसद ठाकुर ने दी सफाई
नोटबंदी के खिलाफ पूरे अभियान की कमान संभाल रहीं राज्यसभा सांसद विप्लव ठाकुर ने हुड्डा गुट के अधिकतर विधायकों व पदाधिकारियों के न आने पर सफाई दे डाली। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कई अन्य विधायकों और पदाधिकारियों ने उन्हें फोन पर संपर्क कर पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण बैठक में शामिल न होने की वजह बताई है। बुधवार को आरबीआइ कार्यालय के घेराव के लिए सभी विधायक और पदाधिकारी प्रदेश भर से भारी समर्थकों के साथ चंडीगढ़ पहुंचेंगे। इसके लिए सभी की ड्यूटी लगा दी गई है।
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