जहरीली हुई हरियाणा की आबोहवा, तेजी से बढ़ रहा शहरों में प्रदूषण
हरियाणा की आबोहवा में तेजी से बदलाव आया है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कई शहरों में प्रदूषण का स्तर दोगुना पहुंच गया है।
By Ankit KumarEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 12:30 PM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 01:02 PM (IST)
जेएनएन, चंडीगढ़। बढ़ते औद्योगिकीकरण, वाहनों की बढ़ती तादाद और कूड़े-कचरे के साथ फसल अवशेष जलाने के कारण हरियाणा की आबोहवा लगातार जहरीली होती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद सरकारों की सक्रियता के बावजूद स्थिति अनियंत्रित है। कई शहरों में प्रदूषण का स्तर दोगुना पहुंच गया है और हवा में नाइट्रोजन ऑक्साइड व धूल कण की सीमा निर्धारित मानकों से अधिक है। वायु प्रदूषण में 70 फीसद योगदान धूल और वाहन उत्सर्जकों का है। गाडिय़ों के धुएं पर हौव्वा खड़ा करने वाली सरकारें धूल और धुएं के प्रबंधन पर एक तरह से चुप्पी साधे हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक वाहनों और उद्योगों से निकलने वाले धुएं के कारण फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार और यमुनानगर में पीएम-10 का इंडेक्स तेजी से बढ़ रहा है। वायु प्रदूषण के लिए 38 फीसद सड़कों की धूल और वायु प्रदूषण के लिए 20 फीसद वाहनों से निकला धुआं जिम्मेदार है। फरीदाबाद में पीएम-10 का इंडेक्स 199 फीसद तक पहुंच गया है। प्रदेश में चार वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें से तीन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हैं। ऐसे नौ और केंद्र लगाने की योजना है, जिनमें सात एनसीआर में होंगे। इसके बावजूद प्रदूषण कम नहीं हो पा रहा।
शहरों में प्रदूषण की स्थिति
फरीदाबाद
वर्ष सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ 2) मोनो नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) कणिकीय पदार्थ (पीएम 10)
2012 10.87 57.38 133.90
2013 07.69 42.31 148.07
2014 03.35 53.85 123.81
2015 04.50 32.99 143.22
निर्धारित सीमा 50.00 40.00 60.00
गुरुग्राम
वर्ष सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ 2) मोनो नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) कणिकीय पदार्थ (पीएम 10)
2012 03.90 16.30 81.40
2013 02.50 22.80 45.10
2014 02.40 19.50 48.20
2015 05.90 21.30 56.60
सोनीपत
वर्ष सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ 2) मोनो नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) कणिकीय पदार्थ (पीएम 10)
2012 11.35 14.60 70.76
2013 09.71 21.96 83.32
2014 12.53 23.20 147.84
2015 18.38 26.44 388.20
पानीपत
वर्ष सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ 2) मोनो नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) कणिकीय पदार्थ (पीएम 10)
2013 07.45 21.60 117.49
2014 15.24 37.75 -
2015 17.48 39.58 135.00
यमुनानगर
वर्ष सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ 2) मोनो नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) कणिकीय पदार्थ (पीएम 10)
2012 - - -
2013 15.00 25.50 247.00
2014 11.20 24.20 150.00
2015 10.40 17.30 103.40
(राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार आंकड़े)
बच्चे और बुजुर्ग हो रहे बीमार
हाल के वर्षों में कई शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। इसका सीधा असर लोगों और खासकर बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। अलग-अलग शहरों में हुए अध्ययन व सर्वे बताते हैं कि बढ़ता प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। इस स्थिति में सुधार के लिए सार्वजनिक वाहनों में सीएनजी के प्रयोग को बढ़ावा देने के साथ ही सड़कों पर वाहनों का दबाव घटाने के लिए पूलिंग और शेयरिंग को बढ़ावा देना होगा। इसके अलावा दीर्घकालिक एक्शन प्लान भी बनाना होगा।
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