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Haryana Budget 2021: कोरोना में मंदे पड़े धंधे, पिछले साल के मुकाबले 8,093 रुपये कम हुई प्रतिव्यक्ति आय

Haryana Budget 2021 कोरोना के कारण काम धंधों पर पड़े असर से हरियाणा में प्रति व्यक्ति आय पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले गिरी है। वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय दो लाख 47 हजार 628 रुपये थी जो मौजूदा सालाना आय से आठ हजार 93 रुपये कम है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 05:30 PM (IST)Updated: Fri, 12 Mar 2021 05:30 PM (IST)
Haryana Budget 2021: कोरोना में मंदे पड़े धंधे, पिछले साल के मुकाबले 8,093 रुपये कम हुई प्रतिव्यक्ति आय
हरियाणा में कम हुई प्रति व्यक्ति आय। सांकेतिक फोटो

चंडीगढ़ [सुधीर तंवर]। हरियाणा में कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुए काम-धंधों का असर प्रति व्यक्ति आय पर भी दिखा है। प्रदेश में इस साल स्थिर मूल्यों पर प्रति व्यक्ति आय के दो लाख 84 हजार 961 तक पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन इसके उलट यह दो लाख 39 हजार 535 पर सिमट गई। इससे पहले वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय दो लाख 47 हजार 628 रुपये थी, जो मौजूदा सालाना आय से आठ हजार 93 रुपये कम है।

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प्रदेश की जनता पर पिछले पांच साल से लगातार कर्ज बढ़ रहा है, लेकिन कर्ज लेने के राष्ट्रीय मानकों से अब भी कम है। प्रदेश सरकार ने पिछला बजट 15 हजार 373 करोड़ रुपये के घाटे का रखा था, जो बाद में संशोधित कर 20 हजार 856 करोड़ रुपये कर दिया गया। अबकी बार यह घाटा 29 हजार 194 करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है। इसी तरह हरियाणा के सिर पर कर्ज भी पिछले साल के एक लाख 85 हजार 463 करोड़ की तुलना में बढ़कर एक लाख 99 हजार 823 करोड़ पर पहुंच गया है। यह बढ़ा कर्ज हालांकि उम्मीद से कम है। आशंका जताई जा रही थी कि कर्ज बढ़ेगा और विपक्ष सरकार पर प्रहार करेगा, लेकिन विपक्ष के हाथों से बड़ा मुद्दा छिन गया है।

सरकार की कमाई सर्वाधिक करों से होगी, जबकि खर्च समाज कल्याण पर सबसे ज्यादा होगा। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बार भी प्रदेश के लोगों पर किसी तरह का कोई नया कर नहीं लगाया है। पिछले साल प्रदेश सरकार ने कुल एक लाख 37 हजार 738 रुपये का बजट पेश किया था जो इस बार एक लाख 55 हजार 645 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। करों से कमाई हालांकि बढ़ी है। पिछले साल कुल खर्च का 37.61 फीसद करों से मिला था जो इस साल बढ़कर 40.90 फीसद हो गया है।

यहां से आएगा पैसा (फीसद में)

1. केंद्र सरकार से हस्तांतरण 9.75

  • केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 4.79
  • केंद्र सरकार से ग्रांट 4.96

2. उधारी 38.41

  • राज्य विकास ऋण 26.48
  • खाद्य प्रसंस्करण 9.75
  • नाबार्ड और एनसीआरपीबी 1.10
  • अर्थोपाय 0.60
  • केंद्र से ऋण 0.14
  • अन्य 0.34

3. राज्य की करों से आय 40.90

  • स्टेट वस्तु एवं सेवा कर 22.07
  • मूल्य वर्धित कर 7.25
  • आबकारी 6.06
  • स्टांप और रजिस्ट्रेशन 3.29
  • वाहनों पर कर 1.98
  • अन्य 0.25

4. गैर कर आय 7.15

  • परिवहन 1.65
  • शहरी विकास 1.39
  • खनन 1.32
  • शिक्षा 0.36
  • अन्य 2.43

5. अन्य प्राप्तियां 3.79

यहां जाएगा पैसा (फीसद में)

1. आर्थिक सेवाएं 25.14

  • खेती, सिंचाई और अनुदान 10.33
  • परिवहन, नागरिक उड्डयन, सड़कें एवं पुल 3.32
  • ग्रामीण विकास एवं पंचायत 3.82
  • अन्य 7.67

2. सामाजिक सेवाएं 31.27

  • शिक्षा 12.14
  • सामाजिक कल्याण 6.40
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण 4.70
  • जनस्वास्थ्य 2.18
  • अन्य 5.85

3. सामान्य सेवाएं 12.79

  • प्रशासनिक सेवाएं 4.52
  • पेंशन 5.91
  • अन्य 2.36

4. कर्ज की अदायगी 30.80

  • मूलधन 18.09
  • ब्याज 12.71 

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