हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीबीआइ के शिकंजे में
हुड्डा सरकार ने पंचकूला के फेस एक और दो में 14 औद्योगिक प्लॉटों का आवंटन किया था। इस मामले में सीबीअाई ने अाज छापा मारा है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ । हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पंचकूला के औद्योगिक प्लॉट आवंटन मामले में बुरी तरह घिर गए हैं। प्रदेश सरकार की सिफारिश पर सीबीआइ ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के तत्कालीन चेयरमैन के नाते भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व प्रशासक डीपीएस नागल समेत चार अधिकारियों और 13 प्लॉट धारकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की आठ धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर छापामारी की है। हुड्डा सरकार ने पंचकूला के फेस एक और दो में 14 औद्योगिक प्लॉटों का आवंटन किया था। पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप है कि प्लॉट आवंटन में भाई-भतीजावाद और घपलेबाजी की गई।
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प्लॉट आवंटन में धांधली का मामला विधानसभा में भी उठा था, जिसके बाद भाजपा सरकार ने इसकी जांच विजिलेंस को सौंप दी थी। विजिलेंस ने 19 दिसंबर 2015 को हुडा के चेयरमैन के नाते भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डीपीएस नागल, तत्कालीन मुख्य वित्त नियंत्रक एससी कांसल और उप अधीक्षक बीबी तनेजा तथा 13 प्लॉट धारकों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। इस जांच के बाद प्रदेश सरकार ने सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी।
17 स्थानों पर मारे छापे
दिल्ली से आई 40 सदस्यीय टीम ने एक साथ 17 जगहों पर छापे मारे। टीम ने हुडा के पंचकूला ऑफिस से जरूरी रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। चंडीगढ़, पंचकूला, फरीदाबाद, दिल्ली, गुड़गांव, करनाल, कुरुक्षेत्र और रोहतक में भी सीबीआइ की टीम पहुंची। पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के रोहतक ठिकाने पर सीबीआइ ने पूछताछ की।
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2011 में मांगे थे प्लॉटों के आवेदन
हुड्डा सरकार में वर्ष 2011 में पंचकूला में औद्योगिक प्लॉट आवंटित करने के लिए आवेदन मांगे गए थे। ये प्लॉट 496 वर्ग मीटर से लेकर 1280 वर्ग मीटर तक के थे, जिसके लिए हुडा के पास 582 आवेदन आए थे। अलॉटमेंट के लिए 14 का चयन किया गया था। विजिलेंस और सीबीआइ को मिली शिकायत के मुताबिक इस आवंटन में जमकर भाई भतीजावाद हुआ था। लाभ हासिल करने वालों में हुड्डा के रिश्तेदार तक शामिल हैं।
''भाजपा सरकार हर मोर्चे पर फेल हो गई है। धान व गिरदावरी में बड़े घोटाले किए। फिर प्रदेश को जातिवाद में फंसाकर दंगे कराए। सरकार ने लोगों का ध्यान बांटने के लिए ओछे हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं।''
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा
सीबीआई की छापेमारी के बीच खेमका का ट्वीट बम
चंडीगढ़ । पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के समर्थकों के विरुद्ध सीबीआई छापों के दौरान सीनियर आईएएस डा. अशोक खेमका ने ट्वीट बम फोड़ा है। खेमका ने ट्वीट पर कहा है कि कसूरवार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई न करना या कार्रवाई में देरी करने से जिम्मेदार अफसरों का मनोबल गिरता है और इसका समाज पर भी असर पड़ता है।
खेमका के इस ट्वीट के अलग-अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं। खेमका वही अधिकारी हैं जिन्होंने पिछले शासनकाल में रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील की म्यूटेशन को कैंसिल कर तत्कालीन हुड्डा सरकार से जबरदस्त लोहा लिया था। खेमका को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा था। खेमका का यह ट्वीट किस संदर्भ में है, यह तो उन्होंने स्पष्ट नहीं किया, लेकिन सीबीआई कार्रवाई के बीच उनका ट्वीट चर्चा में है।
खेमका ने पिछले दिनों हरियाणा में जातीय हिंसा में पुलिस और सिविल अधिकारियों की भू्मिका की पड़ताल करने वाली प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट पर ट्वीट कर कहा था कि यह जवाबदेही बढ़ाने में मददगार साबित होगी।