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भारतीय संस्कृति में गाय को माता का दर्जा: गुप्ता

फोटो सहित जागरण संवाददाता, पंचकूला : भारतीय संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया ह

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Feb 2017 07:20 PM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2017 07:20 PM (IST)
भारतीय संस्कृति में गाय को माता का दर्जा: गुप्ता

फोटो सहित

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जागरण संवाददाता, पंचकूला : भारतीय संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। हमारे जीवन में गाय का बहुत महत्व है। इसका मूत्र अनेक बीमारियों को दूर करने के लिए दवाओं में शामिल किया जाता है। यह बात पंचकूला के विधायक एवं मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता ने वीरवार को पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा गाव खटौली में आयोजित किसान मेला एवं किसान गोष्ठी में कहा कि जहा गाय का मूत्र दवाओं में इस्तेमाल होता है , वहीं पुराने समय में इसके गोबर से घरों में पोताई की जाती थी, जिससे मक्खी-मच्छर घरों में प्रवेश नहीं करते थे। गाय का दूध सभी दूधों से श्रेष्ठ है और इसमें पौष्टिक तत्व भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद है गाय को पालें और उसका संरक्षण करे।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गाय के दूध को बढावा देने के लिए ए-2 दूध शुरू किया गया है, जो शहरों में 80 रुपए किलो के भाव से बिक रहा है। उन्होंने कहा कि किसान पशुओं का बीमा करवाएं, जिसके लिए उन्हे मात्र 100 रुपए वार्षिक देना होगा और पशु के साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटने पर 20 हजार रुपए की राशि बीमा के रूप में मुआवजा उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने शहर के लिए पहले साल पाच-पाच करोड़ रुपए की राशि शहरी व ग्रामीण विकास कार्य के लिए जारी की थी और अब 10-10 करोड़ रुपए की राशि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए जारी की है। क्षेत्र की सभी पंचायतों को 50-50 लाख के विकास कार्य के प्रस्ताव बन चुके है, उनपर शीघ्र ही काम शुरू हो जाएगा। इस मौके पर बरवाला मार्किट कमेटी के चेयरमैन बल सिंह राणा, पंचकूला के अशोक शर्मा, युवा प्रधान परमजीत राणा, पंचायती राज प्रकोष्ठ के स्टेट सहयोगी राजवीर राणा, युवा प्रधान योगेंद्र शर्मा योगी, मंडल प्रधान जगदीश कश्यम, गौतम राणा सहित विभागों के अधिकारियों के अलावा आस-पास गावों में पशुपालक उपस्थित थे।


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