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Corona Effect: स्कूलों में कम हो सकती है बच्चों की संख्या, श्रमिकों के पलायन से मार

Corona Effect महामारी के कारण श्रमिकों का पलायन हो रहा है। इसका असर स्कूलों में देखने को मिल सकता है। स्कूलों में ड्राप आउट रेट बढ़ सकता है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 12:19 PM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 12:19 PM (IST)
Corona Effect: स्कूलों में कम हो सकती है बच्चों की संख्या, श्रमिकों के पलायन से मार

चंडीगढ़ [सुधीर तंवर]। कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण हरियाणा से हजारों श्रमिक परिवारों के पलायन की मार औद्योगिक क्षेत्रों के साथ ही सरकारी स्कूलों पर भी दिखने लगी है। पहले से ड्रॉप आउट की समस्या से जूझ रहे सरकारी स्कूलों में इस साल उत्तर प्रदेश और बिहार सहित दूसरे राज्यों के श्रमिकों के लगातार पलायन के चलते बच्चों की संख्या में और कमी आएगी। सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के बच्चे पढ़ रहे थे।

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सरकारी स्कूलों में बच्चों की घटती संख्या से चिंतित शिक्षा निदेशालय ने नए विद्यार्थियों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं। विशेषकर विकट स्थिति उन 1062 स्कूलों की है जिन्हेंं विगत जनवरी में ही शिक्षा विभाग ने 25 बच्चों से कम होने के कारण बंद करने कवायद शुरू कर दी थी। हालांकि तब शिक्षक संगठनों ने इन स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने की बात कह कुछ महीनों की मोहलत मांग ली थी। अगर इन स्कूलों में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ी तो इसी सत्र में इनके छात्रों को दूसरे स्कूलों में समायोजित किया जाना तय है।

सरकारी स्कूलों में ड्रॉपआउट से पार पाने के लिए ही शिक्षा निदेशालय ने ऑनलाइन दाखिले में आ रही तमाम अड़चनों को दूर करने को कहा है। जिस विद्यार्थी के पास आधार कार्ड नहीं है, वह अब एसआरएन यानि स्कूल रजिस्ट्रेशन नंबर पर दाखिला ले सकता है। बाकी दस्तावेज स्कूल खुलने के बाद पूरेे कर लिए जाएंगे। तमाम शिक्षकों, एसएमसी कमेटी, मिड-डे मील वर्कर व हेल्पर को प्रवेश प्रक्रिया में लगाया गया है। अभिभावकों को लुभाने के लिए खासकर अंग्रेजी मीडियम वाले सरकारी स्कूलों का सहारा लिया जा रहा। साथ ही सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को मिलने वाली सुविधाएं गिनाई जा रही।

स्टेटस रिपोर्ट लेंगे अतिरिक्त मुख्य सचिव

शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, मौलिक शिक्षा अधिकारियों, जिला परियोजना समन्वयक और उप जिला शिक्षा अधिकारियों की बैठक बुलाई है। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली बैठक में मिड-डे मील, पाठ्य पुस्तकों के वितरण, दाखिला प्रक्रिया, ड्रॉपआउट, जीरो छात्र वाले विद्यालय, दूरवर्ती शिक्षा कार्यक्रम सहित तमाम अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।

समायोजित किए जाएंगे सरप्लस अतिथि अध्यापक

सरकारी स्कूलों में चल रही दाखिला प्रक्रिया के बीच सभी सरप्लस अतिथि अध्यापकों को दूसरे स्कूलों में समायोजित किया जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने एक सप्ताह के भीतर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से जेबीटी, सीएंडवी और मास्टर वर्ग के सरप्लस अतिथि अध्यापकों की सूची मांगी है। इसके अलावा सभी अतिथि अध्यापकों का एमआइएस भी पूरा कराना होगा।


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