अपनों पर ही वार: भाजपा विधायक अब विधानसभा में उठाएंगे भ्रष्टाचार का मुद्दा
भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल ने बजट सत्र में चर्चा के लिए दर्जनभर प्रश्न सूचीबद्ध कराए हैं। इससे सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसे विपक्ष मुद्दा बना सकता है।
जेएनएन, चंडीगढ़। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे गुरुग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल अब विधानसभा में इस मसले को उठाते नजर आएंगे। बजट सत्र में चर्चा के लिए उन्होंने दर्जनभर प्रश्न सूचीबद्ध कराए हैं, जिनमें अधिकतर भ्रष्टाचार से जुड़े हैं। इन मामलों को लेकर कांग्रेस और इनेलो पहले ही हमलावर हैं, जिससे विधानसभा में सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
विधायक ने एक प्रश्न में जानना चाहा है कि गत वर्ष जुलाई में गुरुग्राम हाईवे पर लगे भयंकर जाम जैसी स्थिति की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं? बरसाती पानी की निकासी के लिए कितने नालों का निर्माण कराया व कितनों की सफाई और इन पर कितना रुपया खर्च हुआ। उन्होंने पूरे दस साल का ब्योरा मांगा है। गुरुग्राम नगर निगम की जमीन से संबंधित एक अन्य प्रश्न में उन्होंने पूछा है कि नगर निगम की कितनी जमीन पर कब्जे हैं और इन्हें हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए? कब तक इस जमीन को कब्जों से मुक्त करा लिया जाएगा? उन्होंने ग्वाल पहाड़ी गांव में नगर निगम की चार सौ एकड़ भूमि पर अतिक्रमण का हवाला देते हुए पूछा है कि इस जमीन को कब तक कब्जा मुक्त करा दिया जाएगा और अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं?
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एक अन्य अहम सवाल में विधायक ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा है कि पहली जनवरी 2005 से 31 अक्टूबर 2014 तक प्रदेश में जिलानुसार कितनी जमीन के सीएलयू लाइसेंस जारी किए गए और कब व किसे? सीएलयू में रिहायशी, गु्रप हाउसिंग, कमर्शियल व एसईजेड के कितने लाइसेंस थे? उन्होंने पहली नवंबर 2014 से अभी तक इसी प्रकार का विवरण अलग से मांगते हुए जानकारी चाही है कि बिल्डर अथवा कालोनाइजर द्वारा उपरोक्त समयावधि के दौरान कितना बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) जमा कराया गया व कितना बकाया है।
विधायक ने गुरुग्राम में अफोरडेबल मकानों के लिए कुल निर्धारित भूमि की जानकारी के साथ ही जिलानुसार मकान देने की योजना व इसकी समय सीमा, दीन दयाल जन आवास योजना की जिलानुसार विस्तृत ब्योरा और गुरुग्राम के सेक्टर-29 में हुडा द्वारा मल्टीलेवल पार्किंग साइट पट्टे पर देने संबंधी विवरण भी मांगा है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से व्यक्तिगत रूप से भी अनुरोध किया है कि व्यापक जनहित के मद्देनजर इन प्रश्नों को चर्चा के लिए शामिल किया गया है।
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