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जाट आरक्षण आंदोलन मामले पर कोर्ट मित्र ने सीएम के बारे में किया बड़ा खुलासा

जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर कोर्ट मित्र ने हाई कोर्ट में हरियाणा के मुख्‍यमंत्री के बारे में बड़ा खुलासा किया। सीएम ने कोर्ट मित्र को बात करने पर अतिरिक्‍त मुख्‍य सचिव को फटकार लगाई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 23 Oct 2016 10:53 AM (IST)Updated: Sun, 23 Oct 2016 11:17 AM (IST)

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। जाट आरक्षण आंदोलन मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने मुख्यमंत्री के बारे में बड़ा खुलासा किया। कोर्ट मित्र ने बताया कि जब हाईकोर्ट में उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव से बात के आधार पर तथ्य पेश करने की बात कही थी तो उसके बाद सीएम ने एसीएस विजयवर्धन को फोन कर फटकार लगाई थी। यह भी उस स्थिति में जब विजयवर्धन के पिता अस्पताल में भर्ती थे। हालांकि, हाईकोर्ट ने इसे कोर्ट के बाहर का मामला कहते हुए इस बारे में टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।

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कोर्ट मित्र कहा, उनसे बात करने पर अतिरिक्त मुख्य सचिव काे सीएम ने लगाई थी फटकार

शनिवार को मामले की सुनवाई आरंभ होते ही हरियाणा सरकार की ओर से जाट आरक्षण आंदोलन से जुड़े लंबित मामलों के बारे में जानकारी दी गई। हरियाणा सरकार की ओर से आइजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) एएस चावला ने बताया कि आरक्षण आंदोलन में हुई हिंसा में अभी तक कुल 2105 मामले दर्ज हुए है।

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उन्होंने बताया कि इनमें से 565 चालान कोर्ट में पेश किए गए हैं जिनमें से 173 बिना अरेस्ट वाले चालान हैं और 2066 लोगों के खिलाफ चालान बिना गिरफ्तारी के पेश किया गया है। इसके साथ ही 38 मामले ऐेसे हैं जिनमें अभी जांच चल रही है। अभी तक कुल 1632 गिरफ्तारियां हुई हैं।

इसके साथ ही हरियाणा सरकार की आेर से बताया बताया गया कि कहा कि इलाका मजिस्ट्रेट के पास लंबित केसों में से जिन मामलों में आगे जांच की जरूरत है उन मामलों में जांच की अनुमति दी जानी चाहिए। हरियाणा सरकार ने कहा कि जांच को पूरा करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है।

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इस पर कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने इसे हाईकोर्ट द्वारा की गई मॉनीटरिंग को निचली कोर्ट तक लेकर जाने की साजिश करार दिया। हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि जुलाई में इससे पूर्व सभी इलाका मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट ली गई थी जिसमें जांच की खामियां सामने आई थी। अब सभी इलाका मजिस्ट्रेट दोबारा अपनी रिपोर्ट सौंपे। दोनों रिपोर्ट की तुलना कर पता चल जाएगा कि हरियाणा पुलिस की जांच किस दिशा में जा रही है।

इसी बीच, वित्त मंत्री के भाई व एक अखबार के मालिक की अर्जी पर सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने बताया कि उनकी शिकायत पर दर्ज मामले को सोमवार तक सीबीआइ को सौंप दिया जाएगा। इस पर वित्त मंत्री के भाई के वकील ने कहा कि जब तक मामले की जांच लंबित रहती है तब तक हाईकोर्ट उनकी अर्जी का निपटारा न करे। हाईकोर्ट ने इसे मंजूर कर लिया।
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आरोप दुर्भाग्यपूर्ण : विजयवर्धन

श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन ने हाईकोर्ट में कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता के आरोप को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि उस समय वह जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की जांच कर रही प्रकाश कमेटी के सदस्य थे। कमेटी ने पूरी निष्पक्षता व बगैर किसी दबाव के जांच की। मुख्यमंत्री ने कभी इस संबंध में उनसे कोई बात नहीं की।

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