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गैंगस्टर्स के लिए सेफ सिटी बनता जा रहा पंचकूला

राजेश मलकानियां, पंचकूला : गैंगस्टरों के लिए सेफ सिटी का रूप लेता नजर आ रहा है पंचकूला जहां पर आकर क

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 01:00 AM (IST)
गैंगस्टर्स के लिए सेफ सिटी बनता जा रहा पंचकूला
गैंगस्टर्स के लिए सेफ सिटी बनता जा रहा पंचकूला

राजेश मलकानियां, पंचकूला : गैंगस्टरों के लिए सेफ सिटी का रूप लेता नजर आ रहा है पंचकूला जहां पर आकर क्रिमिनल अपने टारगेट को अंजाम तक पहुंचाने के बाद आराम से निकल जाते है। 8 मई को गैंगस्टर अमित शर्मा की हत्या और 17 जून को पुलिस की आंखों में स्प्रे मारकर गैंगस्टर लॉरेस बिश्नोई के गुर्गाें द्वारा लुटेरे दीपक को छुड़वाकर भागना इसका ताजा उदाहरण है। पंचकूला पुलिस की सुस्त नाकेबंदी का नतीजा है कि कोई भी अपराधी वारदात करके आसानी से निकल जाता है और उसके बाद पुलिस लकीर पिटती नजर आती है।

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नामी गैंगस्टरों ने मारा अमित शर्मा को

गैंगस्टर अमित शर्मा की हत्या 8 मई को गाव सकेतड़ी में उस समय कर दी गई थी जब वह अपनी मा के साथ शिवमंदिर में माथा टेकने आया था। पुलिस ने अमित की हत्या के मुख्य आरोपी गगनदीप को प्रोडेक्शन वारंट पर लिया था। जिसके बाद खुलासा हुआ था कि गगनदीप ने ही अमनदीप ऊर्फ मनी, हरजिंदर ऊर्फ लाडी व मनीष के जरिए अमित शर्मा की हत्या करवाई थी। पुलिस ने लाडी से 1 देसी पिस्टल, खा¶ी मैगजीन, 10 जिंदा कारतूस व अमनदीप से 6 जिंदा कारतूस, बाइक तथा मनीष से 1 देसी कट्टा, 1 जिन्दा कारतूस, 1 कारतूस खोल बरामद किए थे। इस मामले में पुलिस ने दिलबारा एवं सतनाम को गिरफ्तार किया था।

दीपक को छुड़वाने आए थे गैंगस्टर

पिंजौर एवं बरवाला में विभिन्न लूट के मामलों में अंबाला जेल में बंद दीपक को एमआरआइ के दौरान पंचकूला के नागरिक अस्पताल से छुड़वाने के लिए भी गैंगस्टर ही आए थे। यह गैंगस्टर लॉरेस बिश्नोई के गुर्गे थे जिसमें प्रमुख तौर पर संपत था। उसने पुलिस के साथ भी हाथापाई की और संपत व उसके साथियों ने पुलिस की आंखों में लाल मिर्च स्प्रे करके दीपक को छुड़वा लिया था।

पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

पंचकूला पुलिस द्वारा नागरिक अस्पताल में पुलिस चौकी बना रखी है। परंतु दीपक को छुड़वाने के काफी देर बाद सेक्टर-6 पुलिस चौकी कर्मचारी पहुंचे थे। नाकाबंदी करने तक तो आरोपी शहर से बाहर निकल चुके थे। शहर में कई जगह सीसीटीवी कैमरे लगे है, लेकिन फिर भी उन कैमरों में आरोपी नहीं मिल पाते। ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने तो लाजिमी है।

अलर्ट मिला फिर भी लापरवाही

दीपक के खतरनाक होने एवं उसके भागने जाने के बारे में पंचकूला पुलिस को जेल प्रशासन की ओर से पहले ही अलर्ट किया गया था लेकिन फिर पंचकूला पुलिस ने लापरवाही बरती थी। पंचकूला पुलिस ने न तो आरोपी को हथकड़ी लगाई थी और न तो हथियारबंद पुलिस कर्मचारी थे। हैरानी की बात देखें कि 9 जून को दीपक को चंडीगढ़ जीएमसीएच लेकर जाना था तो पुलिस को जेल प्रशासन की ओर से कहा गया था कि दीपक भाग सकता है परंतु पंचकूला पुलिस ने पुख्ता प्रबंध करने की जहमत नहीं उठाई।

विक्की गौंडर और लॉरेस का भय

पंचकूला में गैंगस्टरों की वारदात के बाद लोगों में विक्की गौंडर एवं लॉरेस बिश्नोई गैंग का भय होने लगा है क्योंकि इन दोनों गैंगों के गुर्गे अमीर लोगों को ही अपना निशाना बनाते है। फिरौती, लूट, हत्या इन गैंगस्टरों के लिए आम बात है। ऐसे में यदि धीरे-धीरे यह गैंगस्टर पंचकूला में अपने पांव पसारने लगे तो लोगों के लिए काफी मुश्किल हो जाएगी।

कमिश्नर की रिपोर्ट का इंतजार

हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने पंचकूला के कमिश्नर डॉ. आरसी मिश्रा से दीपक के फरार होने के बाद डिटेल रिपोर्ट देने को कहा है। इस रिपोर्ट में सीपी किन अधिकारियों को दीपक के भागने का दोषी ठहराते या फिर पंचकूला पुलिस को क्लीन चिट देते है, यह देखना अहम होगा क्योंकि जितनी जिम्मेदारी जेल प्रशासन की थी, उससे ज्यादा पंचकूला पुलिस की थी। दीपक को जेल से लाकर उसका एमआरआइ करवाकर वापस जेल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पंचकूला पुलिस की रिजर्व बटालियन के कंधों पर थी, जिसमें वह विफल रहे।

-पंचकूला के डीसीपी अशोक कुमार ने कहा कि दीपक के फरार होने के मामले में जोगिंद्र जोगा का प्रोडक्शन वारंट लिया था। साथ ही इस मामले में मनदीप मनी को गिरफ्तार कर लिया है। दीपक और उसे भगाने के आरोपियों की भी तलाश जारी है।


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