विधायकों और मंत्रियों को घेरेंगे कंप्यूटर शिक्षक
31 मई को समाप्त होगा शिक्षकों को अनुबंध, प्रदेश के 2600 शिक्षक कर रहे हैं नौकरी के लिए संघर्ष जागर
31 मई को समाप्त होगा शिक्षकों को अनुबंध, प्रदेश के 2600 शिक्षक कर रहे हैं नौकरी के लिए संघर्ष
जागरण संवाददाता, पंचकूला : लंबे समय से नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे प्रदेश के करीब 2600 कंप्यूटर शिक्षकों के भविष्य पर संकट के बादल हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। कभी तीन महीने की नियुक्ति दी जाती है, तो कभी चार महीने के लिए। वर्तमान में कार्य कर रहे शिक्षकों का अनुबंध 31 मई को समाप्त हो रहा है। इसी डर से अभी से ही शिक्षकों ने सरकार को घेरने का अभियान शुरू कर दिया है। वीरवार को कंप्यूटर शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल भिवानी में शिक्षामंत्री से मिला व सेवा विस्तार के बारे में गुहार लगाई। शिक्षामंत्री ने भी टीचर्स को नाराज नहीं किया। शिक्षा मंत्री ने कहा 31 मई को किसी भी शिक्षक को नहीं हटाया जाएगा।
2013 में हुई थी नियुक्ति
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तकनीकी शिक्षा देने के लिए वर्ष, 2013 में शिक्षा विभाग द्वारा 2600 कंप्यूटर टीचर्स की नियुक्ति की गई थी। लेकिन समय पर वेतन न मिलना, अवैध रूप से शिक्षकों से सिक्योरिटी राशि और शोषण के चलते ये शिक्षक शुरू से ही संघर्ष करते आ रहे हैं। लेकिन अभी तक सरकार ने इन शिक्षकों का कोई स्थायी समाधान नहीं किया है।
विधायक और मंत्रियों को सौपेंगे ज्ञापन
शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बलराम धीमान ने बताया कि जल्द ही प्रदेश के सभी विधायकों और मंत्रियों से मिलकर ज्ञापन सौंपा जाएगा। सेवा विस्तार के साथ-साथ शिक्षकों के भविष्य का स्थायी समाधान और वेतन वृद्धि की मांग की जाएगी। धीमान ने बताया कि एक सप्ताह में सभी विधायक और मंत्रियों से मिलने के बाद जल्द ही मुख्यमंत्री से भी मिलकर अपनी मांग रखेंगे।
हलफनामा दायर किया है
शिक्षक संघ के प्रदेश प्रेस प्रवक्ता सुरेश नैन ने बताया कि फरवरी में हाई कोर्ट में सरकार की तरफ से कंप्यूटर टीचर्स को वापस नौकरी पर रखे जाने का शपथ पत्र दाखिल किया था। हालाकि विभाग नियमित भर्ती होने तक वर्तमान शिक्षकों की सेवा जारी रखने के लिए भी हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर चुका है। लेकिन इसके बाद भी कंप्यूटर शिक्षकों को बार- बार हटा दिया जाता है। नैन ने बताया अगर इस बार सरकार ने शिक्षकों को रिलीव किया तो माननीय हाई कोर्ट की शरण ली जाएगी। कोर्ट के बार बार कहने के बाद भी सरकार शिक्षकों का स्थायी समाधान न करके प्रदेश के हजारों युवाओं का मानसिक शोषण कर रही है।