आवारा आतंक ने घर से निकलना तक किया मुहाल
जागरण संवाददाता, पंचकूला : शहर में आवारा कुत्तों का हल निकालने में नगर निगम पूरी तरह विफल नजर आ रहा
जागरण संवाददाता, पंचकूला : शहर में आवारा कुत्तों का हल निकालने में नगर निगम पूरी तरह विफल नजर आ रहा है। रोजाना लोग कुत्तों के काटने की समस्या से जूझ रहे हैं और कई लोगों को कुत्ते अपना शिकार बना चुके हैं। आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। कुत्तों का भय इतना बढ़ गया है कि बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों ने शाम और सुबह के वक्त घर से निकलना बंद कर दिया है। लोगों का आरोप है कि शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही। एक सर्वे के मुताबिक शहर में लगभग पाच हजार आवारा कुत्ते हैं। इनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पेट एनिमल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से शहर के आवारा कुत्तों एक सर्वे करवाया गया था। इन कुत्तों में काफी हद तक आयरन की कमी पाई गई थी। चिकित्सकों के अनुसार आयरन कम होने का सीधा असर कुत्तों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर दिखाई देता है। कुत्ते आसानी से मामूली बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। कुत्तों में चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ता है। जिससे गर्मी और चिड़चिड़ेपन के कारण कुत्ते हिंसक हो रहे हैं।
11 लोगों को बनाया था शिकार
19 जुलाई 2016 को शहर में एक कुत्ते ने 11 लोगों को अपना शिकार बना लिया था। इन लोगों को काटने के बाद इस कुत्ते की मौत हो गई थी। रेबिज से पीड़ित सेक्टर-7 में कुत्ते ने जिनको निशाना बनाया था, उनमें मकान नंबर 852ए की शिवागी, 839 के टीएन कक्कड़, गुरुद्वारे के सेवक लखविंदर सिंह, मकान नंबर 804 के अरविंद कत्याल, 878 से अजय कौशिक, 834 से अमित जैन, 840 से सीता देवी, गुरुद्वारे में समागम में आई दो महिलाएं व तीन स्लम एरिया के बच्चे शामिल हैं। मामले की सूचना प्रशासन और नगर निगम मिलने के करीब साढे़ चार घटे बाद नगर निगम की डॉग कैचर टीम मौके पर पहुंची। टीम ने जैसे ही कुत्ते को पकड़ा था। चंद मिनट में कुत्ते की मौत हो गई।
फिर 7 लोगों पर हमला
2 अगस्त 2016 को सेक्टर-7 में पिछले दिनों एक आवारा कुत्ते द्वारा फिर एक और आवारा कुत्ते ने दो बच्चों को अपना शिकार बना लिया था। सेक्टर-7 में बने मंदिर के पास काफी कुत्ते हैं। शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे चार लोगों को कुत्ते ने काट लिया। मकान नंबर 972 से अनमोल, मकान नंबर 1014 के आशीष और मकान नंबर 1003 से काविश को कुत्ते ने काट लिया था। इस अलावा एक अन्य व्यक्ति को भी कुत्ते ने काट लिया जोकि वहा से तुरंत अस्पताल चला गया था। इसके अलावा शहर में एक-दो केस रोजाना आते रहते हैं।
सिर्फ आश्वासन मिलता है
अपेक्षा सोसाइटी की प्रधान सीमा भारद्वाज ने कहा कि आवारा कुत्तों के कारण एक तरफ जहा लोगों में भय व्याप्त है, वहीं, निगम के खिलाफ काफी आक्रोश है। शिकायत करने पर आश्वासन दे दिया जाता है कि जल्द कुछ न कुछ करेंगे लेकिन कोई कदम नहीं उठाया जाता। सिविल अस्पताल में कुत्ते के काटने वाले मरीजों की लंबी कतार लगी रहती है।
कोई भी सेक्टर नहीं सुरक्षित
सेक्टर-9 निवासी संदीप गुप्ता ने कहा कि शहर का कोई भी ऐसा सेक्टर नहीं है जहा कुत्तों का आतंक न हो। हर सेक्टर से नगर निगम में शिकायत दर्ज करवाई गई है। इतना आतंक फैलने के बावजूद नगर निगम और स्थानीय प्रशासन अब तक मौन है।
घर से निकलना ही मुश्किल
सेक्टर-7 निवासी तरसेम गर्ग ने कहा कि हर रोज 4-5 लोग आवारा कुत्तों के शिकार बन जाते हैं। कभी-कभार इनकी संख्या बढ़ भी जाती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह समस्या शहर में कितनी विकट होती जा रही है। यदि यही हाल रहा तो हर किसी का घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा।
नगर निगम द्वारा आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए ठेका अलॉट किया गया है। इसके अलावा एक डॉग पाउंड बनाने पर विचार चल रहा है। लोगों को आवारा कुत्तों से बचाने के लिए प्रयास जारी है। -उपिंद्र कौर आहलुवालिया, मेयर, नगर निगम