इतिहास में पहली बार, पंचकूला निगम हाउस की बैठक का अधिकारियों ने किया वायकाट
राजेश मलकानिया, पंचकूला : नगर निगम पंचकूला के इतिहास में मंगलवार का दिन काले अक्षरों में लिखा जाएगा,
राजेश मलकानिया, पंचकूला : नगर निगम पंचकूला के इतिहास में मंगलवार का दिन काले अक्षरों में लिखा जाएगा, क्योंकि आज तक राजनैतिक लोग बैठकों का बहिष्कार करते तो आम दिखते थे, लेकिन पंचकूला के इतिहास में पहली बार लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले अधिकारियों ने राजनीतिज्ञों से तंग आकर नगर निगम की बैठक का बहिष्कार कर दिया। पार्षदों के तानों से तंग आकर नगर निगम के कमिश्नर ललित सिवाच, संयुक्त आयुक्त आशुतोष राजन, कार्यकारी अधिकारी ओपी सिहाग सहित पूरे स्टाफ ने हाउस की बैठक का बहिष्कार कर दिया। हालाकि ये अधिकारी होटल से बाहर नहीं गए और इंतजार करते रहे कि मेयर या कोई अन्य पार्षद एक बार उन्हें मनाने के लिए आ जाएं, तो वे बैठक में दोबारा चले जाएं, लेकिन कोई उन्हें बुलाने नहीं आया। मेयर उपिंद्र कौर आहलुवालिया ने आए हुए पार्षदों के साथ बैठक जारी रखी और मुद्दों को पास करके चली गई। मुद्दे पास तो हो गए लेकिन उन्हें लागू तो अधिकारियों और कर्मचारियों ने करना है, जिन्होंने कहा दिया कि बैठक में 20 में से 6 पार्षदों के हस्ताक्षर हैं, इसलिए यह बैठक मान्य नहीं है।
ऐसे भड़का मामला
राष्ट्रगान के साथ शुरू हुई पंचकूला नगर निगम की बैठक की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। वार्ड नंबर-20 के पार्षद सलीम खान और वार्ड नंबर-4 के सतिंद्र सिंह टोनी ने एजेंडे के देरी से भेजे जाने पर मेयर से सवाल करने शुरू किए। इसके जवाब में मेयर उपिंद्र आहलुवालिया ने निगम कमिश्नर को लिखी गए चार पत्र का हवाला देते हुए कहा कि उनको सिटी के विकास की चिंता है और इसीलिए चार पत्र कमिश्नर को लिख चुकी हैं। उन्होंने यह पत्र भी हाउस को दिखाए। दोनों ही पार्षद इसके बाद भी शांत नहीं हुए और दोनों ने कहा कि एजेंडा इतनी देर से क्यों मिला, इसका जवाब दिया जाए। इस पर मेयर ने निगम कमिश्नर से जवाब देने के लिए कहा। जिस पर कमिश्नर ने कहा कि एजेंडा समय पर तैयार था, लेकिन मेयर कार्यालय में नहीं आई और उनके घर पर एजेंडा भेजा गया।
स्वामी ने छेड़ा डॉग और टावरों का मुद्दा
भाजपा पार्षद रविकात स्वामी ने पार्षदों की सहमति के बिना मोबाइल टावर लगाने की इजाजत देने और पहले से ही निगम द्वारा डॉग स्टरलाइजेशन कमेटी होने के बावजूद प्राइवेट लोगों की कमेटी बनाने पर कमिश्नर को घेरा। जिस पर कमिश्नर ने जबाव दे दिया।
भावना ने भड़काई भावनाएं
स्वामी के बाद पार्षद भावना गुप्ता ने मुद्दा उठाया कि 3 मार्च, 2014 की साधारण बैठक में प्रस्ताव नंबर 21 (9) में किसी भी सदस्य के वार्ड में नींव पत्थर या कोई उद्घाटन होता है तो वार्ड पार्षद की मौजूदगी में होनी चाहिए लेकिन कालका में वार्ड नंबर-2 में लाइब्रेरी का शिलान्यास विधायक ने किया और वार्ड नंबर-3 में विधायक ने ही सड़क का उद्घाटन किया, स्थानीय पार्षद को जानकारी नहीं दी गई। यह हाउस की अवहेलना है, जिस पर मैं ललित सिवाच के रवैये के लिए निंदा प्रस्ताव रखती हूं, जिस पर पार्षद रविकात स्वामी और मेयर आहलुवालिया ने समर्थन किया, तो कमिश्नर और ईओ भड़क गए। ओपी सिहाग ने कहा कि अधिकारी पर इस तरह के शब्द कहना गलत है और हम अपना विरोध जताते हैं। इसके बाद ओपी सिहाग के कहने पर कमिश्नर ललित सिवाच सहित पूरा स्टाफ निगम की बैठक का बहिष्कार कर बाहर आ गया।
वर्जन
हमने अपना सिंबोलिक विरोध जताया है। मेयर और कुछ पार्षद अपना राजनैतिक एजेंडा लागू करवाना चाहते हैं। हम शहर का विकास करना चाहते हैं, किसी के निजी एजेंडे लागू करने के लिए नहीं बैठे हैं। हम बैठक के अंत तक परिसर में ही थे, यदि मेयर चाहती तो उन्हें बुला सकती थी।
-ललित सिवाच, कमिश्नर, नगर निगम पंचकूला
ललित सिवाच और ओपी सिहाग ने बिना परमिशन मीटिंग बीच में छोड़कर स्टाफ को लेकर बाहर जाकर हाउस की मर्यादा को भंग किया और सभी कायदे कानून को ताक पर रख दिया। बैठक की कार्यवाही निरंतर जारी रही और साधारण बैठक के मुददों पर चर्चा की गई। बैठक में ध्वनिमत से और सर्वसम्मति से मुददों पर चर्चा हुई और निर्णय लिए गए। ललित सिवाच के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर 16 से 11 पार्षदों ने हस्ताक्षर किए।
-उपिंद्र कौर आहलुवालिया, मेयर, पंचकूला नगर निगम