फार्मेसी काउंसिल के पूर्व रजिस्ट्रार एसएम नेहरा के खिलाफ केस दर्ज
जागरण संवाददाता, पंचकूला : सेक्टर-5 पुलिस ने हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल की सिफारिश के बाद काउंसि
जागरण संवाददाता, पंचकूला : सेक्टर-5 पुलिस ने हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल की सिफारिश के बाद काउंसिल के पूर्व रजिस्ट्रार एसएम नेहरा के खिलाफ काउंसिल के लाखों रुपये गबन करने पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। हाईकोर्ट ने 22 जुलाई 2007 को पूर्व रजिस्ट्रार के खिलाफ जांच करने के लिए राज्य चौकसी ब्यूरो को निर्देश दिए थे। वर्ष 2012 में जांच पूरी हो गई थी, जिसमें लाखों रुपये के गबन का मामला सामने आया था और अब चार साल बाद आखिरकार केस दर्ज कर ही लिया है। चौकसी ब्यूरो ने जाच नंबर 2 दिनाक 26/02/2007 शुरू करते हुए 27/07/2012 को मुकम्मल करते हुए दो करोड़ से भी अधिक रुपये का दुरुपयोग करते हुए गबन किए जाने के सबूत जाच रिपोर्ट मे दर्ज किए थे। सभी आरोप सही सिद्ध व सबूत पाए गए थे लेकिन चौकसी ब्यूरो ने मामले को दबा दिया।
विजिलेंस ने हाईकोर्ट के आदेशों के बाद शुरू की थी जांच
विजिलेंस ने वर्ष 2007 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के बाद पूर्व रजिस्ट्रार एसएम नेहरा के खिलाफ जाच शुरू की थी, जिसकी रिपोर्ट 2012 में विजिलेंस ब्यूरो ने सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में सामने आया था कि पूर्व रजिस्ट्रार ने वर्ष 1992 से 2007 तक काउंसिल का रजिस्ट्रार रहते काउंसिल के लाखों रुपये का गबन किया है। साथ ही काउंसिल के नियम 131, 132, 134, 139, 141 की जमकर अवहेलना की। काउंसिल का कोई भी रजिस्ट्रार नियम 131 के तहत 100 रुपये से अधिक नहीं रख सकता, लेकिन विजिलेंस रिपोर्ट में सामने आया कि पूर्व रजिस्ट्रार एसएम नेहरा ने 16 लाख रुपये से भी अधिक कैश अपने पास रखे हुए थे। रूल नंबर 139 के तहत रजिस्ट्रार केवल 50 रुपये ही अपने मर्जी से खर्च कर सकता है, लेकिन पूर्व रजिस्ट्रार ने 45 लाख रुपये से अधिक पैसा अपनी मर्जी से खर्च कर दिया, जबकि काउंसिल की आमदनी केवल 16 लाख दिखाई थी।
नेहरा पर करीबियों को लगे थे नौकरी पर रखने के आरोप
सेक्शन-26 के तहत काउंसिल का स्टाफ केवल काउंसिल ही नियुक्त कर सकती है, लेकिन पूर्व रजिस्ट्रार एसएम नेहरा ने अपने विश्वासपात्र नौकरी पर रखे और संभावना है कि उन्हें कम वेतन देकर अधिक पैसा काउंसिल से वसूलता रहा। जब पूर्व रजिस्ट्रार की नियुक्ति हुई तो उसे 1600-2000 रुपये के ग्रेड पर नियुक्त किया गया था, लेकिन विजिलेंस जाच में सामने आया कि पूर्व रजिस्ट्रार ने काउंसिल के खाते से अधिक पैसा अपने पास वसूल कर काउंसिल को घाटे में डालने का काम किया। हरियाणा सरकार ने पूर्व रजिस्ट्रार को 2003 से 2005 में एक लाख 38 हजार रुपये रिकवरी के लिए नोटिस दिया, जोकि आज तक रिकवरी नहीं की गई।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद नेहरा ने चार्ज देने से किया था इन्कार
वर्ष 2007 में हाईकोर्ट के फैसले के बाद पूर्व रजिस्ट्रार एसएम नेहरा ने काउंसिल का चार्ज सौंपने से इन्कार कर दिया था लेकिन हरियाणा सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी बना दी थी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक (प्रशासनिक) को काउंसिल का कार्यभार दिलवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिन्होंने काउंसिल का ताला खुलवाया, तो अलमारी से 7 लाख 7 हजार 158 रुपये रिकवर हुए थे, जोकि उसी समय काउंसिल के खाते में जमा करवा दिए गए थे। विजिलेंस ने 5 जनवरी को 2012 को सरकार से उचित कानूनी कार्रवाई को लिख दिया था। लेकिन हरियाणा सरकार ने फार्मेसी काउंसिल को ही कार्यवाही करवाने के लिए अधिकृत कर दिया था। कानूनी राय के बाद अब फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन केसी गोयल के पत्र के बाद सेक्टर-5 पुलिस ने नेहरा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है।
जल्द आरोपी को काबू करेंगे : ललित
सेक्टर-5 थाना प्रभारी ललित कुमार ने बताया कि आरोपी एसएम नेहरा के खिलाफ धारा 409 के तहत केस दर्ज कर लिया है और जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
देर आए, दुरुस्त आए : गोयल
हरियाणा फार्मेसी काउंसिल के प्रधान कृष्ण चंद गोयल ने कहा कि देर आए, दुरुस्त आए की तर्ज पर ही सही, पर पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया। एसएम नेहरा ने फार्मेसी काउंसिल का लाखों रुपया हड़प लिया है, इसलिए उसे तुरंत गिरफ्तार कर पैसे की रिकवरी करवाई जाए।