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विस का शीतकालीन सत्र : बिजली दर में वृद्धि व धान घोटाले पर होगी रार

दो दशक बाद विधानसभा के शीतकालीन सत्र की परंपरा शुरू कर मनोहर सरकार भले ही उत्साहित है, लेकिन बिजली के बढ़े दाम और धान खरीद में घोटाले के आरोप उसकी मुश्किलें बढ़ाएंगे। हालांकि विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए सरकार ने भी रणनीति तैयार कर ली है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2015 12:37 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2015 01:20 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। दो दशक बाद विधानसभा के शीतकालीन सत्र की परंपरा शुरू कर मनोहर सरकार भले ही उत्साहित है, लेकिन बिजली के बढ़े दाम और धान खरीद में घोटाले के आरोप उसकी मुश्किलें बढ़ाएंगे। हालांकि विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए सरकार ने भी रणनीति तैयार कर ली है।

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पिछले दिनों हुई मंत्री समूह की बैठक में विपक्ष के हमलों का मिलकर जवाब देने पर सहमति बन चुकी है। सभी विभागों से सरकार की उपलब्धियां भी जुटाई जा चुकी हैैं। सत्र से पहले भाजपा विधायक दल की बैठक में रणनीति को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। विधानसभा का शीतकालीन सत्र 30 नवंबर से 1 दिसंबर तक चलेगा। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में विपक्ष हालांकि सत्र की अवधि बढ़ाने का दबाव बना सकता है, लेकिन एक दिन से अधिक सत्र बढऩे की संभावना नजर नहीं आ रही।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने एक साल के कार्यकाल में विधानसभा के भीतर तीन नई परंपराएं शुरू की हैं। विधानसभा में सदन के नेता के पास एडवोकेट जनरल (महाधिवक्ता) के बैठने की परंपरा है, लेकिन पिछले कई वर्षों से इस परंपरा का निर्वाह नहीं किया जा रहा था। मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन के लिए यह व्यवस्था कर नया उदाहरण पेश किया है।

दूसरी परंपरा विधानसभा में विपक्ष के नेता के लिए दफ्तर देकर शुरू की है। हालांकि चौटाला कई दिन तक इस दफ्तर में सुविधाएं नहीं होने की बात कहकर बैठे नहीं। दो बार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखे गए। तब जाकर कुछ सुविधाएं बढ़ी और चौटाला का यह दफ्तर चालू हुआ।

विधानसभा में तीसरी परंपरा शीतकालीन सत्र की शुरू हुई। करीब 20 साल पहले ऐसा हुआ करता था, लेकिन चौटाला और हुड्डा की सरकार में शीतकालीन सत्र कभी नहीं हुए। अब हर साल विधानसभा में तीन सत्र हुआ करेंगे।

देंगे विपक्ष के आरोपों का जवाब

सहकारिता राज्य मंत्री बिक्रम सिंह यादव का कहना है कि शीतकालीन सत्र की परंपरा शुरू कर सरकार ने अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। सत्र में विपक्ष के तमाम आरोपों का जवाब दिया जाएगा।

विपक्ष को भरोसा नहीं था पर हमने कर दिखाया : मनोहर

मानसून सत्र में जब हमने विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया था, तब विपक्ष को इसका भरोसा नहीं हुआ लेकिन हमने शीतकालीन सत्र की परंपरा शुरू कर वह पूरा कर दिखाया है, जो हमने कहा था।

- मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।

पिटारे में बताने के लिए बहुत कुछ : अभिमन्यू

''विधानसभा सत्र में सरकार के पास उपलब्धियों के नाम पर बताने के लिए बहुत कुछ है। एक साल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा ने प्रगति की राह पकड़ी है और राज्य का चहुंमुखी विकास हो रहा है। विपक्ष को सकारात्मक सोच के साथ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने आना चाहिए।

- कैप्टन अभिमन्यु, वित्तमंत्री, हरियाणा।

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इन मुद्दों पर विपक्ष रह सकता है हावी
- बिजली के बढ़े रेट
- मंडियों में धान घोटाला
- कपास की गिरदावरी में देरी
- दलित उत्पीडऩ की घटनाएं

- जाटों के विरुद्ध भाजपा सांसद राजकुमार सैनी के बेतुके बोल
- पंचायत चुनाव में देरी
- गांवों का अवरुद्ध विकास
- बड़े व्यापारियों का टैक्स रिफंड नहीं

- पंजाब के समान वेतनमान की मांग
- कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक


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