पंजाबी भाषा के विकास के लिए बनी कमेटी
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाबी लोकधारा, संस्कृति और विरासत की आन एवं शान को बरकरार रखने के उद्देश्य
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाबी लोकधारा, संस्कृति और विरासत की आन एवं शान को बरकरार रखने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने मातृ भाषा पंजाबी को हर स्तर पर लागू करने के लिए कमर कस ली है। इस संबंधी एक रूपरेखा मुख्य सचिव सर्वेश कौशल की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय कमेटी में तैयार की गई है। मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब सरकार द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार पंजाबी भाषा को प्रत्येक स्तर चाहे वह सरकारी कार्यालय हो, कालेज, स्कूल या कोई अन्य संस्थान हो, में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाबी भाषा को बनता रूतबा दिलाने के लिए अभी बहुत कुछ करना शेष है। पंजाबी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. दविंदर सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के भाषा विभाग के पास प्रमुख लेखकों और विद्वानों द्वारा पंजाबी में लिखी पुस्तकों का खजाना है। मुख्य सचिव ने सलाह दी कि पंजाबी विश्वविद्यालय को इन किताबों को डिजीटल रूप में लाना चाहिए, ताकि यह अन्य लोगों की पहुच में भी आ सकें।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया, जो कि आने वाले वर्ष में पंजाबी भाषा की तरक्की के लिए किए जाने वाले कार्यो संबंधी नीति तैयार करेगी। इस कमेटी में निदेशक संस्कृतिक, निदेशक भाषा और सभी सरकारी एवं निजी विश्विद्यालयों के उपकुलपति शामिल होंगे।
बैठक के दौरान पंजाब के नामी कलाकारों, लेखकों और विद्वानों को दिये जाने वाले शिरोमणि पुरस्कारों के लिए 3 करोड़ रुपये की राशि जारी करने को भी सैद्धातिक स्वीकृति दी गई। इसके अतिरिक्त पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के भाषा विभाग की इमारत के रखरखाव के लिए 3.8 करोड़ रुपये जारी करने की भी स्वीकृति दी गई। बैठक में प्रधान सचिव वित्त डीपी रेड्डी, प्रधान सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्रीमती अंजलि भाबरा, सचिव उच्च शिक्षा ए वेनू प्रसाद, निदेशक भाषा विभाग चेतन सिंह, निदेशक पर्यटन एवं संस्कृति नवजोतपाल सिंह आदि उपस्थित थे।