दोहरे हत्याकाड का तीसरा आरोपी गिरफ्तार
संवाद सहयोगी, पिंजौर : यहां के गाव मढ़ावाला में डेढ़ माह पूर्व दो दोस्तों की हत्या के मामले में पुलिस ने तीसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। उसे वीरवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जबकि दो अन्य आरोपी जगदीश का पुत्र संजय व बहू गीता को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
एक ही कमरे में रहते थे दोनों
सात जुलाई को मढ़ावाला-बरोटीवाला रोड पर पुलिस ने एक व्यक्ति का शव बरामद किया था, जिसके गले में पतली रस्सी से घोंटने के निशान थे। पोस्टमार्टम और फोरेसिक रिपोर्ट के बाद उसकी हत्या की पुष्टि हुई तो पुलिस ने केस दर्ज कर जान-पहचान वालों से पूछताछ शुरू की। इस दौरान मृतक की पहचान नेपाल के मूल निवासी लक्ष्मण (35) के रूप में हुई, जो बरोटीवाला फैक्ट्री में काम करता था और मढ़ावाला में कानपुर (उत्तर प्रदेश) निवासी जगदीश के साथ किराए के कमरे में रहता था। जबकि जगदीश का पुत्र संजय अपनी पत्नी गीता के साथ अलग रह रहा था, जो फरार थे। पुलिस ने लक्ष्मण की फैक्ट्री में जाकर पूछताछ की तो पता चला उसी दिन लक्ष्मण के दोस्त रामजी दास की हत्या चाकू मारकर की गई थी। इसके बाद पुलिस ने शक के आधार पर संजय, गीता और जगदीश की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने गीता को 9 महीने की बच्ची के साथ गिरफ्तार कर पूछताछ की, तो गीता के खुलासे के बाद पुलिस के होश उड़ गए।
चाकू मार व गला घोंट कर हुई थी हत्या
गीता द्वारा दिए बयान के अनुसार हत्या से कुछ दिन पूर्व उसका ससुर जगदीश और रामजी दास इकट्ठे बैठकर शराब पी रहे थे। जब रामजी दास ने जगदीश की 14 वर्षीय बेटी से शादी करवाने का प्रस्ताव रखा तो उनमें काफी बहस हो गई। बाद में सभी अपने-अपने घर चले गए। बाद में जगदीश ने अपने बेटे संजय को रामजी दास के प्रस्ताव का जिक्र कर दिया। इस पर संजय ने 6 जुलाई को रामजी दास, लक्ष्मण व जगदीश को अपने घर शराब पीने के लिए बुलवाया। देर शाम शराब पीने के बाद जब रामजी दास अपने घर गया तो पीछा करते हुए संजय उसके घर में घुसकर गया और गले पर चाकू से वार कर उसकी हत्या कर दी। उसकी हत्या की खबर सुनकर लक्ष्मण को गुस्सा आया और वह संजय के घर पहुच कर उनसे झगड़ा करने लगा और रामजीदास की हत्या के जुर्म में उन्हे पकड़वाने की धमकी देते हुए शोर मचाने लगा। इस पर संजय और जगदीश डर गए और संजय ने पत्थर से लक्ष्मण के सिर पर वार कर दिया। फिर पतली तार से गला घोंट कर मार डाला। इसमें गीता व जगदीश ने भी साथ दिया। लक्ष्मण को मारने के बाद तीनों ने उसे रात को एक बोरे में डाला और साईकिल से शव को सड़क किनारे खेतों में फेंक कर फरार हो गए।