अल्पसंख्यक आयोग बहाल करने को सौंपा ज्ञापन
संवाद सहयोगी, नगीना : प्रदेश में अल्पसंख्यक आयोग को खत्म करके भाजपा सरकार के निर्णय का मेवात में
संवाद सहयोगी, नगीना : प्रदेश में अल्पसंख्यक आयोग को खत्म करके भाजपा सरकार के निर्णय का मेवात में विरोध होना शुरू हो गया है। आरटीआइ मंच के बैनर तले क्षेत्र के जैन व मुस्लिम समाज के लोगों ने बुधवार की शाम उपतहसील पर प्रदर्शन किया। इसके बाद नायब तहसीलदार के माध्यम से एक ज्ञापन प्रधानमंत्री तक भेजकर इस निर्णय पर गहरा रोष जताया है।
जैन समाज के वरिष्ठ प्रतिनिधि मुनीराम जैन ने कहा कि प्रदेश सरकार अल्पसंख्यक समुदायों के बीच भेदभाव की दीवार खड़ी कर रही है। इस निर्णय से समाज में अशांति पैदा हुई है जिन्हे अल्पसंख्यक आयोग से इमदाद और न्याय मिलने की उम्मीद थी उनकी आवाज सरकार ने दबाई है।
आरटीआइ मंच संयोजक राजुद्दीन ने कहा कि राज्य अल्पसंख्यक आयोग जैन, मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई, सिख व अन्य धर्मो के उत्थान के लिए बनाया गया है। उसे बंद करना सरकार की वादा खिलाफी है, क्योंकि सरकार के घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों को बेहतर अवसर प्रदान करने की बात थी। इतना ही नहीं घोषणापत्र में बीजेपी ने अल्पसंख्यक आयोग का पुनर्गठन करने की बात भी कही थी।
लक्ष्मी जैन ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों पर सरकार ने रोक लगाई है। अल्पसंख्यक आयोग को बंद करने का फैसला भेदभावपूर्ण है। मंच उपाध्यक्ष कवि इलियास प्रधान ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के फैसले की जितनी निंदा की जाए वो कम है। बीजेपी सरकार से ऐसी उम्मीद हमें नहीं थी। प्रधान मंत्री को हमने पत्र लिखकर रोष प्रकट किया है।
विदित है कि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में गत दिवस राज्य सरकार ने हलफनामा देकर अल्पसंख्यक आयोग को समाप्त करने की बात रखी थी। इस दौरान पवन जैन, राहुल, नसीम पंच साठावाडी, लुकमान, अब्दुल्ला, नसीम अहमद , इन्साद, मौलाना साबिर भी मौजूद थे।