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स्टेशन मिलने की बाट जोह रहे नवचयनित जेबीटी

जागरण संवाददाता, नारनौल : नवचयनित जेबीटी शिक्षकों की परेशानियां ज्वाइन करने के बाद भी कम होने का

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 06:51 PM (IST)Updated: Fri, 26 May 2017 06:51 PM (IST)
स्टेशन मिलने की बाट जोह रहे नवचयनित जेबीटी

जागरण संवाददाता, नारनौल : नवचयनित जेबीटी शिक्षकों की परेशानियां ज्वाइन करने के बाद भी कम होने का नाम नहीं ले रहीं। अभी तक शिक्षकों को स्टेशन अलॉट नहीं किए जाने से शिक्षक तनाव में हैं। शुक्रवार को शिक्षक दिनभर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में ही बैठे रहे। विशेषकर महिला शिक्षकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दिनभर कार्यालय के अंदर शिक्षिकाओं के बैठे रहने से आने-जाने वालों को भी परेशान होना पड़ा।

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जिला महेंद्रगढ़ में 105 नवचयनित शिक्षकों को ज्वाइन करने के लिए जिला आवंटित किया गया था, लेकिन इनमें से अभी तक 88 ने ही ज्वाइ¨नग रिपोर्ट दी है। इनमें से अभी तक किसी को भी स्टेशन अलॉट नहीं किए गए हैं। शिक्षक रोजाना आकर खाली बैठकर चले जाते हैं। काफी शिक्षक अन्य जिलों से हैं। ये हर रोज हाजिरी लगाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर का सफर कर रहे हैं। इनका कहना है कि जब तक स्थायी स्टेशन नहीं मिल जाता, वे यहां नहीं रुक सकते। इस कारण उनको हर रोज परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

शिक्षकों को स्टेशन आवंटित करने के लिए शुक्रवार को बुलाया गया था, लेकिन अधिकारी ही नदारद रहे। अब शनिवार और रविवार की छुट्टी के बाद मात्र तीन दिन स्कूल लगेंगे, उसके बाद एक महीने के ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो जाएंगे। गौर हो कि स्टेशन अलॉटमेंट को लेकर स्कूल निदेशालय पंचकुला ने 19 मई को निर्देश जारी किए थे। इसमें तीन दिन के अंदर नव नियुक्त जेबीटी को स्टेशन अलॉट करने की बात कही गई थी। लेकिन अभी तक स्टेशन नहीं दिए जा सके। इससे जेबीटी में रोष बढ़ता जा रहा है।

इस संबंध में शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि उनके पास स्टेशन अलॉटमेंट को लेकर क्लियर गाइडलाइन नहीं है। जिले में अभी जेबीटी की सिर्फ 11 सीटें ही खाली है, जबकि 88 शिक्षकों को स्टेशन अलॉट किए जाने हैं। अब इनको किस तरह मैनेज करना है, इसको लेकर ही गाइडलाइन मांगी गई है। लेकिन अभी तक डीईईओ कार्यालय को शिक्षा निदेशालय से कोई जवाब नहीं मिला है।

उधर, डीईओ कार्यालय में बैठे जेबीटी शिक्षकों ने बताया कि स्टेशन नहीं मिलने से अभी भी वे भविष्य को लेकर ¨चतित हैं। वे दोनों समय उपस्थिति दर्ज करवाते हैं। यहां बैठने की भी उचित व्यवस्था नहीं है, ऊपर से आसमान आग उगल रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा निदेशालय को पहले ही स्टेशन अलॉटमेंट को लेकर क्लियर गाइडलाइन जारी करना चाहिए थी। इसके बिना स्कूलों में विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित हो रही है, वहीं वे भी यहां खाली बैठे रहकर परेशान हैं।

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बॉक्स :

सीटें 11 और दावेदार 88

जिला की प्राथमिक पाठशालाओं में शिक्षकों के पद बहुत कम रिक्त हैं। वर्तमान में 30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक की नीति के तहत जिला महेंद्रगढ़ में मात्र 11 जेबीटी के पद रिक्त हैं जबकि यहां 88 शिक्षक स्कूलों में जाने के लिए इंतजार में बैठे हैं। इन सभी को स्टेशन मिल पाना संभव नहीं है। यदि सरकार विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात को कम करे तो इन्हें समायोजित किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार 25 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक की नीति बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। दूसरी तरफ, माध्यमिक स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। जिला के अधिकतर स्कूलों में छठी से आठवीं कक्षाओं के लिए विज्ञान और गणित विषयों के शिक्षक नहीं हैं।

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पक्ष :

अभी हमारे पास मात्र 11 पद रिक्त हैं। इस बारे में शिक्षा निदेशालय को ई-मेल भेजी गई है, जिसका जवाब नहीं मिला है। उच्चाधिकारियों का आदेश मिलते ही स्टेशन आबंटित कर दिए जाएंगे।

- मुकेश लावणिया, डीईओ नारनौल।


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