शराब ठेकों का विरोध करने वालों पर दर्ज की जा रही एफआइआर : विद्रोही
जागरण संवाददाता, नारनौल : स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रव
जागरण संवाददाता, नारनौल : स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार महिलाओं, आमजनों के भारी विरोध के बाद भी आबादी क्षेत्र में डंडे के बल पर शराब के ठेके खोलने को उतारू है। सरकार आबादी क्षेत्र में खुले शराब के ठेकों से महिलाओं-बच्चों को हो रही परेशानी पर ध्यान देकर इन ठेकों को आबादी क्षेत्र से हटाने की बजाय शराब ठेकों का विरोध करने वाली महिलाओं व आमजनों पर ही एफआईआर दर्ज करके उन्हे दबाने का कुप्रयास कर रही है।
विद्रोही ने कहा कि मोहल्लों में शराब के ठेके खोलने को भाजपा की खट्टर सरकार द्वारा जायज ठहराकर विरोध करने वालों का सत्ता के बल पर दमन करने से साफ है कि भाजपा की कथित सभ्यता-संस्कृति रक्षा के दावे खोखले व गुमराह करने वाले हैं। राजस्व बढ़ाने के लिए शहरी-ग्रामीण आबादी में आमजनों की इच्छा के विरुद्ध शराब की दुकाने खोलने वाली भाजपा सरकार जनहितैषी कैसे हो सकती है?
कांग्रेस नेता ने कहा कि महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिले के विभिन्न गांवों में खुलेआम शराब के ठेके का ग्रामीण महिलाएं, पुरुष व बच्चे विरोध कर रहे हैं, फिर भी सरकार उनकी बात सुनने व आबादी क्षेत्र में शराब के ठेके हटाने को तैयार नहीं है। खट्टर सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश कि नेशनल हाईवे पर 500 मीटर दायरे में कोई भी शराब का ठेका व पब-बार नही खुलेगा, को असरहीन करने के लिए तिकड़ में खोज रही है। शराब की दुकानें, पब व बार धड़ल्ले से काम करते रहें, इसके लिए नेशनल हाईवे की परिभाषाएं व नियम बदले जा रहे है।
विद्रोही ने कहा कि भाजपा-खट्टर सरकार जिस तरह शराब के व्यापारियों, पब, बार व होटल मालिकों को सरंक्षण दे रही है, वह ¨चता का विषय है। सरकार की कथनी-करनी में भारी अंतर है। उन्होंने मांग की कि जहां-जहां आबादी क्षेत्र में शराब के ठेके खोले जाने का विरोध किया जा रहा है, उन ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों व मोहल्लों से तत्काल शराब के ठेके व बार हटाये जाएं व इन शराब ठेकों का विरोध करने वाले लोगों पर प्रदेशभर में दर्ज एफआईआर वापस ली जाए।