मौसम के पहले कोहरे ने वाहनों की गति पर लगाए ब्रेक
जागरण संवाददाता, नारनौल : नारनौल एवं आसपास के इलाके में बुधवार को मौसम के पहले कोहरे ने दस्तक दी।
जागरण संवाददाता, नारनौल : नारनौल एवं आसपास के इलाके में बुधवार को मौसम के पहले कोहरे ने दस्तक दी। घने कोहरे के कारण शुक्रवार तड़के सड़कों पर दृश्यता काफी कम रही। इसकी वजह से सड़कों पर वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा और वाहन रेंग-रेंग कर चलते नजर आए। दूसरी ओर कोहरे को फसलों के लिए लाभदायक माना जा रहा है और इससे किसानों की निराशा छटने लगी है।
शुक्रवार प्रात:काल को नारनौल इलाके में घना कोहरा छाया रहा। घने कोहरे में सूर्यदेव दिखाई देने के बाद छुप गए। सूरज उगने के बाद एकदम से करीब सात बजे नारनौल क्षेत्र में घना कोहरा छाना शुरू हो गया। जबकि इससे पहले का मौसम साफ था और बेहद नमी बनी हुई थी। नमी के कारण पेड़-पौधों के पतों पर ओस की बूंदे बनी हुई थी, लेकिन बाद में कोहरा छा गया। कोहरा छाने के कारण वाहनों की गति पर ब्रेक लग गया। इससे स्कूलों की लगी बसों के चालकों को निर्धारित समय पर विद्यालय पहुंचने में कठिनाई हुई। स्कूलों के साथ-साथ अन्य वाहन चालकों को भी दृश्यता कम होने के कारण धीमी गति से चलने को विवश होना पड़ा। पहले घने कोहरे में हालांकि कोई दर्दनाक सड़क हादसा प्रकाश में नहीं आया, मगर वाहन चालक इससे परेशान जरूर हुए और देरी का सामना करना पड़ा।
मौसम के पहले कोहरे से किसान थोड़े खुश नजर आने लगे हैं। पिछले कुछ दिनों से मौसम में गर्माहट बढ़ने लगी थी। इससे सरसों की फसल पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ने लगा था। इससे गेहूं की फसल भी प्रभावित होने लगी थी। सूखाग्रस्त इलाकों में सरसों एवं गेहूं की फसल दिन के तापमान में झुलसने लगी थी और किसानों के सामने संकट छाने लगा था। जिला महेंद्रगढ़ सूखाग्रस्त इलाकों में शुमार है और नांगल चौधरी से लेकर गोद बलाहा तक का इलाका इससे बेहद प्रभावित है। यही कारण है जिले के किसान इंद्र देव से बरसात की उम्मीद करने लगे थे। मगर बरसात तो नहीं हुई, लेकिन अब कोहरे से मौसम में नमी बनी है और किसानों को इससे कुछ राहत मिली है। कोहरे के कारण तापमान में भी गिरावट आई है।
सुबह की पैसेंजर गाड़ियां हुई लेट :
शुक्रवार प्रात:काल को घना कोहरा गिरने से ट्रेनों के पहियों पर भी ब्रेक लग गए। इससे सवारी एवं मालगाड़ियों का आवागमन प्रभावित हुआ। नारनौल के स्टेशन अधीक्षक महेंद्र ¨सह ने बताया कि सुबह गाड़ी नंबर 59716 एवं 59716 पैसेंजर गाड़ियां देरी से पहुंची। ये ट्रेनें रेवाड़ी से फुलेरा एवं फुलेरा से रेवाड़ी की ओर चलती हैं। ट्रेनों की गति पर ब्रेक लगने से सवारियों को अपने गंतव्य को जाने में देरी का सामना करना पड़ा।
रोडवेज बसों के फेरों में की गई कटौती :
प्रात:काल को मौसम के पहले कोहरे का असर हरियाणा रोडवेज की बसों पर भी देखने को मिला। सामान्य दिनों की तुलना में सवारियां कम संख्या में पहुंची। पर्याप्त संख्या में सवारियां नहीं मिलने के कारण कई रोडवेज बसों के फेरों में कटौती की गई।
धुंध के कारण जन-जीवन प्रभावित :
दिसंबर आरंभ होते ही धुंध ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। जिसके चलते बृहस्पतिवार रात से लगातार शुक्रवार सुबह तक यातायात काफी प्रभावित रहा। रात 10 बजे से ही धुंध ने अपने पांव पसारने आरंभ कर दिये थे। धुंध के चलते सड़क मार्गों पर चलने वाले वाहन धीमी गति से चलते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचे। शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे तक धुंध का असर जारी रहा। सरकारी व निजी स्कूलों में जाने वाले मासूम धुंध को देखकर हैरत में पड़े रहे। स्कूल के वाहन सुबह अपने वाहनों की लाईट जलाकर जैसे-तैसे स्कूलों तक पहुंचे। शरद ऋतु की इस पहली धुंध ने लोगों को चकित कर डाला। अब तक मौसम में खुशकी होने से गर्म वस्त्र भी लोगों ने नहीं निकाले थे वहीं आज से लोगों ने अपने गर्म वस्त्र बाहर निकाल लिये। वहीं किसानों ने भी इस धुंध को फसल के लिए लाभदायक बताया है।
रबी फसल के लिए लाभदायक :
सतनाली के संवाद सहयोगी के अनुसार सर्दी के मौसम में आज धुंध के साथ ही शुक्रवार से ठंड का आगाज हो गया है। माना जा रहा है कि अब दिनोंदिन धुंध के साथ सर्दी का भी प्रभाव बढ़ेगा। हालांकि प्रदेश में धुंध की शुरूआत नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में होती है ¨कतु अबकी बार धुंध दिसंबर माह में शुरू हुई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस बार पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रहे बदलावों पिछले तीन-चार दिन से पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के कारण दिसंबर में धुंध ने दस्तक दी है। सतनाली व आसपास के क्षेत्र में छाई घनी धुंध के कारण विशेष तौर पर दो पहिया वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। आज सुबह जब लोग उठे तो चारों तरफ कोहरा छाया हुआ था। धुंध के कारण वाहन चालकों को अपने वाहनों की हेडलाइट्स के सहारे चलाना पड़ा। वहीं धुंध को लेकर क्षेत्र के गेहूं उत्पादक किसानों के चेहरों पर रौनक देखने को मिली। किसानों का कहना है कि इससे चने व गेंहू की फसल पर अनुकूल असर पड़ेगा। धुंध के साथ ही मौसम के करवट लेने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब सर्दी का आगाज हो गया है जिस कारण अब ठंड लगातार बढ़ेगी।