परिवार की तरह काम करें पार्षद : राजेश देवी
जागरण संवाददाता, नारनौल : नवनिर्वाचित जिला परिषद की पहली बैठक में गांवों में पेयजल आपूर्ति की कम
जागरण संवाददाता, नारनौल : नवनिर्वाचित जिला परिषद की पहली बैठक में गांवों में पेयजल आपूर्ति की कमी और विभिन्न फंड से बनवाए गए बोर को कनेक्शन नहीं मिलने का मुद्दा छाया रहा। जिला प्रमुख राजेश देवी ने कहा कि सभी पार्षद परिवार की तरह मिल-बैठकर काम करें। इसी तरह अधिकारियों से सभी समस्याओं का हल भी करवाएंगे। मी¨टग में रखे गए सभी एजेंडा को बिना किसी विरोध के पारित कर दिया गया।
जिला प्रमुख राजेश देवी की अध्यक्षता में शुरू हुई बैठक में उन्होंने उपस्थित सभी पार्षदों का स्वागत करते हुए पार्षदों व अधिकारियों का परिचय लिया और जिला परिषद द्वारा करवाए जाने वाले कार्यों में सहयोग मांगा। पार्षदों से उन्होंने कहा कि वे परिवार की तरह मिल-जुलकर काम करेंगी और सभी वार्डों में समान रूप से काम करवाए जाएंगे। उन्होंने पार्षदों से भी आग्रह किया कि विकास योजनाएं बनवाते समय वे निष्पक्ष भाव से काम करें और यह न सोचें कि फलां गांव से उन्हें वोट नहीं मिले।
बैठक की औपचारिक शुरुआत करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त आरएस वर्मा ने बताया कि जिला परिषद नारनौल को 14वें और चौथे वित्त आयोग से तीन करोड़ रुपये की राशि मिली है। इससे जल संरक्षण और जल संवर्धन के कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने पार्षदों से आग्रह किया कि वे अपने वार्डों में काम को महत्व दें, राशि को नहीं। जिप निधि से गांवों में स्ट्रीट लाइटें लगवाने की बात पर उन्होंने स्पष्ट किया कि लाइटें उन्हीं गांवों में लगवाएं, जहां के सरपंच बिल भरने की क्षमता रखते हों। चोरी की बिजली से स्ट्रीट लाइटें कतई न जलाई जाएं।
वार्ड छह से जीतकर आए अजय सेहलंग ने बैठक में गांवों के जोहड़ों की साफ-सफाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जोहड़ों में गंदा पानी जा रहा है अथवा सूखे पड़े हैं, इनका पुनरोद्धार किया जाए। गौर हो कि दैनिक जागरण ने 'तलाश तालाबों की' श्रृंखला के तहत जिला में तालाबों को संवारने की मुहिम चलाई हुई है। अजय ने अपने क्षेत्र के गांवों में पेयजल समस्या के साथ-साथ गंदे पानी की निकासी न होने का मुद्दा उठाया। दिन-प्रतिदिन प्रदूषित होते जा रहे पर्यावरण को बचाने की अपील भी की।
वार्ड 20 से चुनकर आए विनोद कुमार 'भील' ने गांवों की पेयजल समस्या उठाते हुए कहा कि कई बोर होने और पर्याप्त पानी होने पर भी गांवों में पेयजल किल्लत बनी हुई है, क्योंकि इन बोर का बिजली कनेक्शन नहीं है। न तो पंचायतों के पास बिजली कनेक्शन लेने के लिए राशि है और न ही इतना फंड कि बिल भर सकें। ऐसे में जन स्वास्थ्य विभाग को इन बोर का बिजली कनेक्शन करवाकर बिल भरना चाहिए। पार्षद प्रदीप मालड़ा ने कहा कि पिछड़ा क्षेत्र निधि से बोर तो बना दिए गए, लेकिन कनेक्शन नहीं होने से लाखों रुपये की लागत बेकार जा रही है।
वार्ड आठ से पार्षद कुलदीप सुरजनवास ने कहा कि गांवों की फिरनियों में स्वच्छता अभियान का कोई असर नजर नहीं आ रहा। उनके ही गांव की बात की जाए तो सात-आठ गांवों की तरफ रास्ते निकलते हैं, लेकिन फिरनियों में गंदा पानी भरा रहता है, जिससे वहां से निकलना भी दुष्कर है। इस गंदे पानी की निकासी का कोई प्रबंध नहीं है। इस पर एडीसी ने कहा कि घरों से निकलने वाले गंदे पानी के लिए सरकार ने मैजिक पिट बना रही है। अन्य गांवों भी बनाए जाएंगे।
वार्ड 10 से अश्विनी खेड़ी ने कहा कि कई गांव तो ऐसे हैं, जहां भूमिगत जल ही नहीं है। दूसरे गांवों से आपूर्ति होती है, जो बहुत कम है। अश्विनी ने पार्षदों को मिलने वाले 3000 रुपये मानदेय को भी बहुत कम बताते हुए कहा कि बड़ा क्षेत्र होने के चलते इससे ज्यादा तो तेल का खर्चा हो जाता है।
बैठक को उप जिला प्रमुख सुशीला देवी, राकेश गौतम, सुनीता वर्मा ने भी संबोधित किया। सुनीता वर्मा ने कहा कि पहली बार महिलाओं को आगे की चेयर पर बिठाया गया है, पहले तो उनके पति ही बैठते थे। इस शुरुआत के लिए उन्होंने बधाई दी। साथ ही अधिकारियों से आग्रह किया कि यहां उठाई जाने वाली समस्याओं का जल्द समाधान किया जाए, ताकि अगली बैठकों में उठाने का मौका ही नहीं मिले। बैठक की समाप्ति के बाद डीआरडीए परिसर में पौधारोपण किया गया।