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वाटर टैंक में गिरीं बहनें, एक की मौत

By Edited By: Published: Sat, 19 Apr 2014 07:52 PM (IST)Updated: Sat, 19 Apr 2014 07:52 PM (IST)
वाटर टैंक में गिरीं बहनें, एक की मौत

जागरण संवाददाता, महेंद्रगढ़ : यहां के बावनियां स्थित ईट भट्ठे पर शनिवार को पकड़ा धोते समय दो बहनें वाटर टैंक में गिर गई। टैंक में गिरी बड़ी बहन को बचाने के के लिए टैंक में कूदी छोटी बहन रुखसत (15) की मौत हो गई, जबकि टैंक से निकाली गई बड़ी बहन खुशबू (17) की हालत भी नाजुक बताई जा रही है। उसे पीजीआई रोहतक में रेफर कर दिया गया है। दोनों बहनें मूल रूप से यूपी के जिला मैनपुरी के गांव चटपुरा के रहने वाली हैं।

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मैनपुरी के शहाबुदीन बवानियां के लक्ष्मी ईट भट्ठे पर मजदूरी का काम करते हैं। वह अपने परिवार समेत यहीं पर रहते भी हैं। शुक्रवार शाम करीब साढ़े सात बजे खुशबू व रुखसत ईट भट्ठे पर बने पानी के टैंक पर कपड़े धो रही थीं। इस दौरान बड़ी बहन खुशबू का पैर अचानक फिसल गया। वह टैंक में गिर गई। बड़ी बहन को बचाने के लिए रुखसत ने भी टैंक में छलाग लगा दी। तैरना न आने के कारण दोनों बहने डूबने लगी। चिल्लाने का शोर सुनकर भट्टे पर कार्य कर रहे अन्य मजदूरों ने पहुंचकर टैंक से खुशबू को बेहोशी की हालात में बाहर निकाल लिया, लेकिन डूब चुकी रुखसत टैंक की निचली सतह में चली गई थी। अंधेरा होने के कारण उसका शरीर नहीं दिखा। लोगों ने सोचा कि एक ही बच्ची पानी में गिरी है। ऐसे में खुशबू को होश में लाने का प्रयास करने लगे, इसी दौरान शहाबुदीन की पत्नी को छोटी बेटी रुखसत का ख्याल आया और वह जोर-जोर से रोने लगी। मां की ममता से हरकत में आए अन्य मजदूर एक बार फिर टैंक में बच्ची को तलाशने में जुटे तो टैंक की सतह से रुखसत को भी बेहोश अवस्था में पानी से बाहर निकाला गया। दोनों बहनों को उपचार के लिए महेंद्रगढ के सामान्य अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने 15 वर्षीय रुखसत को मृत घोषित कर दिया। जबकि खुशबू की गंभीरता स्थिति को देखते हुए पीजीआई रोहतक के लिए रेफर कर दिया। पुलिस ने शव का सामान्य अस्पताल में पोस्ट मार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया।

'' शुक्रवार देर शाम दोनों बहनें भट्ठे के निकट स्थित एक पानी के टैंक पर कपड़े धोने गई थीं। इस दौरान बड़ी बहन खुशबू का पैर का फिसलने से वह टैंक में गिर गई, जिसे बचाने के लिए कूदी छोटी बहन रुखसत की मौत हो गई।

-बीर सिंह, ईट भट्ठा मालिक

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'' ईट भट्ठे पर काम करने वाले परिवार का अगर राशन कार्ड बना हुआ होगा तो राजीव गांधी योजना के तहत एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता पीडि़त परिवार को देने का प्रावधान है।

-सतीश यादव, एसडीएम, महेंद्रगढ

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अगर किसी भट्ठा मजदूर की मृत्यु होती है, तो उसे श्रम विभाग द्वारा पचास हजार रुपये देने का प्रावधान है।

गंगादत्त, निरीक्षक श्रम विभाग।


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