सबसे छोटी जूती बनाने की महारथी हैं बुधराम
वेदपाल, कुरुक्षेत्र अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में शिल्प मेले में हुनरमंद दस्तकारों के प
वेदपाल, कुरुक्षेत्र
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में शिल्प मेले में हुनरमंद दस्तकारों के प्रशंसकों का जमघट लगा हुआ है। कोई कालीन का शौकीन है, तो किसी को चूड़ियां लुभा रही हैं, लेकिन सबसे छोटी जूती लोगों को अपनी ओर खींच ही लेती है और उन्हें लेकर आए हैं पटियाला के शिल्पकार बुधराम। बुधराम के पटियाला जूतों के स्टाल पर खरीदारी करने के लिए आने वाले लोग बरबस ही सबसे छोटी जूती को देखकर रुक ही जाते हैं।
दरअसल धर्मनगरी कुरुक्षेत्र का ब्रह्मासरोवर तट इन दिनों शिल्प की रंगत से सराबोर है। चारों ओर शिल्प की चमक दिखाई पड़ रही है। शिल्प के मुरीदों के लिए यह अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला खासा आकर्षण का केंद्र साबित हो रहा है। सुबह से शुरु हुआ मेला देर रात तक चलता है। सब अपनी-अपनी पसंद की कलाकृतियों को ढूंढने में लगे रहते हैं। इसी तलाश में कुछ लोगों को दुनिया की सबसे छोटी जूतियों का कलेक्शन मिल जाये तो कदम बरबस ठहर जाते हैं। दरअसल पंजाब के पटियाला की जूतियां देश-विदेश में नाम से जानी जाती हैं।
पटियाला के शिल्पकार बुधराम के स्टाल पर जूतियों के शौकीन आते हैं, लेकिन जब दुनिया की सबसे छोटी जूतियां दिखाई पड़ती हैं तो लोग रोमांचित हो उठते हैं। बुधराम ने एक इंच से लेकर एक सेंटीमीटर तक की जूती तैयार की है। अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में यह स्टॉल छोटी जूतियों की बदौलत बड़ी भीड़ खींच रहा है। स्टॉल पर आने वाला खरीदार इनके यहां रखी सबसे छोटी जूती की जोड़ी देखकर उन्हें हाथ में उठाए बगैर वापस नहीं लौटता। बुधराम बताते हैं कि उन्होंने अब तक कि सबसे छोटी और सबसे बड़ी नौ फुट की जूती तैयार कर चुके हैं। इसलिए लोग उनकी कला को पसंद करते हैं।