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पीजी दाखिलों में नहीं मिलेगा एनएसएस, एनसीसी और खेलों की वैटेज

सतीश चौहान, कुरुक्षेत्र उच्च शिक्षा विभाग ने इस बार प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में कामन प्रवेश्

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 12:05 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 12:05 AM (IST)
पीजी दाखिलों में नहीं मिलेगा एनएसएस, एनसीसी और खेलों की वैटेज
पीजी दाखिलों में नहीं मिलेगा एनएसएस, एनसीसी और खेलों की वैटेज

सतीश चौहान, कुरुक्षेत्र

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उच्च शिक्षा विभाग ने इस बार प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में कामन प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला की घोषणा तो कर दी, लेकिन इसमें कई कमियां भी छोड़ दी। सबसे बड़ी बात स्नातकोत्तर में दाखिले पूरी तरह से प्रवेश परीक्षा के आधार पर होंगे। हर वर्ष से दाखिला में मिलने वाली किसी प्रकार की वैटेज नहीं मिल पाएगी। जिसके कारण खिलाड़ी, एनसीसी में भाग लेने वाले छात्र और एनएसएस में सेवा करने वाले छात्र हतोत्साहित होंगे। अब तक दाखिला प्रक्रिया में प्रत्येक के लिए पांच प्रतिशत और अधिकतम 10 प्रतिशत वैटेज छात्रों को मिलती रही है। वहीं दूसरी और पिछली परीक्षा के अंकों को दाखिला प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है।

उच्च शिक्षा विभाग ने इस वर्ष स्नातकोत्तर स्तर पर सभी विश्वविद्यालयों में दाखिला को कामन प्रवेश परीक्षा के आधार पर कराने का निर्णय लिया है। जिसके तहत कुवि को गैर विज्ञान विषयों और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय को विज्ञान विषयों में दाखिला करने की जिम्मेवारी दी गई। जल्द ही दोनों विश्वविद्यालय दाखिला प्रक्रिया को शुरू कर देंगे।

अब तक मिलती थी कई प्रकार की वैटेज

अब तक दाखिला प्रक्रिया में छात्रों को कई प्रकार की वैटेज मिलती थी। जिससे सबसे पहले खेलों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को पांच प्रतिशत लाभ मिलता था, इसी तरह एनसीसी में पांच प्रतिशत और एनएसएस के भी पांच प्रतिशत वैटेज मिलती थी। इसके अलावा फ‌र्स्ट कम फ‌र्स्ट को भी पांच प्रतिशत और अपने विश्वविद्यालय के छात्रों को भी पांच प्रतिशत का अतिरिक्त लाभ दिया जाता था। छात्र इनमें से कोई दो यानि अधिकतम दस प्रतिशत का लाभ ले सकता था। इस बार ये छात्रों को नहीं मिलेंगे।

तीन चरणों में दाखिला के बाद नहीं कोई प्रावधान

उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों पर यह आदेश थोप दिया, लेकिन विश्वविद्यालयों में कई विषयों में सीटें समय पर नहीं भर पाती और विश्वविद्यालय बाद में छात्रों को मौका देते हैं। इस बार तीन चरणों में काउंसि¨लग के बाद आगे के लिए कोई प्रावधान नहीं है। विश्वविद्यालयों के पास भी इस बारे में कोई आदेश नहीं आए हैं कि क्या करना है।

महाविद्यालय में नियम अलग

वहीं उच्च शिक्षा विभाग ने ये नियम सिर्फ विश्वविद्यालयों के परिसरों में चल रहे कोर्सों पर लागू किए हैं। इसके अलावा अन्य महाविद्यालयों में जो सीधे उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े हैं उनमें पुराने नियम ही लागू होंगे, यानि महाविद्यालयों में दाखिला लेने वाले छात्रों को सभी लाभ मिलेंगे और वे पुराने तरीके से ही स्नातकोत्तर स्तर पर दाखिला लेंगे।

फोटो संख्या- 23

एक्स्ट्रा एक्टिविटी समाप्त करने का प्रयास : खैरा

इनसो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जस¨वद्र खैरा का कहना है कि अब छात्र एनएसएस, एनसीसी और खेलों में अतिरिक्त लाभ के लिए जाते थे। एक और तो सरकार खेलों व राष्ट्रीय सेवा भावना को बढ़ाने का दम भरती है और दूसरी और यह कार्य ऐसे छात्रों को हतोत्साहित करने वाला है। वहीं कक्षा के अंक अगर साथ नहीं रहेंगे तो छात्रों को ज्यादा अंक लेने की आवश्यकता भी नहीं रहेगी।

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विश्वविद्यालय स्तर पर निकालेंगे समाधान : कुलसचिव

कुवि कुलसचिव डॉ. प्रवीण कुमार सैनी का कहना है कि जहां तक वैटेज की बात है तो यह निर्णय लागू रहेगा। फिलहाल विश्वविद्यालय स्तर पर इसमें परिवर्तन करना संभव नहीं है, लेकिन बाद में खाली रही सीटों पर दाखिला के बारे में विश्वविद्यालय स्तर पर समाधान निकाला जा सकता है। इसके अलावा एक काउंसि¨लग ओपन भी होगी। जिसमें छात्र मौके पर आकर दाखिला ले सकते हैं।


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